विश्वनाथ मंदिर की पावन छवि और उसकी ऐतिहासिक धरोहर की महत्ता को कोई नकार नहीं सकता। यह मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है, बल्कि पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए भी आकर्षण का केंद्र है। लेकिन मंदिर से सटी हुई गलियों में लटकते बिजली के तार उस क्षेत्र की असंगठित और अव्यवस्थित स्थिति का प्रतीक बन गए हैं। ये बिजली के तार न केवल देखने में अस्वच्छता पैदा करते हैं, बल्कि सुरक्षा के लिहाज से भी अत्यंत खतरनाक हैं। गलियों में बिखरे ये तार विकास के दावों की सच्चाई पर प्रश्नचिन्ह लगाते हैं और इस क्षेत्र के सौंदर्य और सुरक्षा को गंभीर रूप से प्रभावित करते हैं।
इन तारों की अव्यवस्था स्थानीय प्रशासन और अधिकारियों की देखरेख में आई बड़ी चूक का प्रमाण है। वर्षों से इस समस्या को नजरअंदाज किया जाना बताता है कि विकास की योजनाएं जहां एक ओर भव्य दिखाने पर जोर देती हैं, वहीं जमीनी स्तर पर आवश्यक सुधारों और मूलभूत सुविधाओं को समय पर प्राथमिकता नहीं दी गई। गलियों में बिजली के तारों की उचित व्यवस्था न हो पाना, शहर के नियोजन और रखरखाव में कमी को दर्शाता है। इससे स्थानीय निवासियों को भी कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जैसे बिजली कटौती, हादसों का खतरा, और सड़क मार्ग पर चलने में कठिनाई।
यह आवश्यक है कि संबंधित विभाग और प्रशासन इस दिशा में ठोस कदम उठाएं। विश्वनाथ मंदिर जैसे ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल के आसपास की जगहों को स्वच्छ, सुरक्षित और सुव्यवस्थित बनाना न केवल प्रशासन की जिम्मेदारी है, बल्कि यह स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं के लिए भी सम्मान की बात होनी चाहिए। बिजली के तारों को भूमिगत करने या सुरक्षित तरीके से व्यवस्थित करने जैसे उपायों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए ताकि इस क्षेत्र का सौंदर्य और सुरक्षा दोनों सुनिश्चित हो सकें। विकास के साथ-साथ इस तरह की बुनियादी व्यवस्थाओं पर भी ध्यान देना अत्यंत आवश्यक है ताकि मंदिर क्षेत्र की गरिमा बनी रहे।