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CSJMU में शिक्षा मंथन की शुरुआत, कुलाधिपति ने कुलपतियों से अनुभव साझा करने को कहा

इस कार्यक्रम में कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल के अलावा उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक, उच्च शिक्षामंत्री योगेंद्र उपाध्याय, प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल, कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही भी मौजूदगी है।

By: Satyam Dubey  RNI News Network
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CSJMU में शिक्षा मंथन की शुरुआत, कुलाधिपति ने कुलपतियों से अनुभव साझा करने को कहा

कानपुर के छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय (CSJMU) में देशभर के विश्वविद्यालय के प्रोफेसर शिक्षा की गुणवत्ता व उसके सुधार को लेकर मंथन करना शुरू कर चुके हैं। कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल ने कुलपतियों को नैक में प्रतिभाग को लेकर अपने अपने अनुभवों के साझा करने को कहा है। राजभवन के आदेश पर दो द्विवसीय शिक्षा मंथन का आयोजन छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय में किया जा रहा है। ऐसे मंथन देश में पहली बार हो रहा है। यहां शनिवार और रविवार दो दिसवीय शिक्षाविदों का मेला लगा है।

कानपुर विश्वविद्यालय में आयोजित होने वाले शिक्षाविदों के इस मेला का उद्देश्य को लेकर भी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने पहले ही बता दिया था। उन्होंने बताया था कि देशभर के शिक्षाविद यहां पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति को सही मायनों में क्रियान्वयन कराना, नैक मूल्यांकन, नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क, क्यूएस एशिया रैंकिंग, क्यूएस ग्लोबल रैंकिंग, राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय रैंकिंग में राज्य विवि की ओर से उत्कृष्ट स्थान प्राप्त करने, मातृभाषा में पुस्तक निर्माण व अनुवाद विषय पर चर्चा के साथ परीक्षा सुधार आदि बिंदुओं पर चर्चा करेंगे।

इस कार्यक्रम में कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल के अलावा उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक, उच्च शिक्षामंत्री योगेंद्र उपाध्याय, प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल, कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही भी मौजूदगी है। छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के कुलपति ने बताया था कि इस कार्यक्रम का आयोजन राजभवन के निर्देश पर किया जा रहा है। जिसकी जिम्मेदारी छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय को दी गई है।

इस कार्यक्रम में राज्य के सभी कृषि, चिकित्सा, संस्कृति, प्राविधिक व राज्य विवि के कुलपति, रजिस्ट्रार, वित्त नियंत्रक, परीक्षा नियंत्रक, आईक्यूएसी के हेड समेत संस्थानों के निदेशक व 10 से 15 सालों का अनुभव रखने वाले प्रोफेसर स्तर के शिक्षक भी शामिल हुए हैं। इस कार्यक्रम में जिस प्वाइंट पर चर्चा होगी उसकी एक रिपोर्ट तैयार की जाएगी। जिसपर उच्च अधिकारी डिसिजन लेंगे। इस रिपोर्ट के आधार पर ही प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों की शैक्षिक गुणवत्ता में बदलाव लाया जाएगा।

कानपुर के छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय में आयोजित होने वाले मंथन में आल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज जोधपुर के पीडियाट्रिक्स एकेडमिक हेड के विभागाध्यक्ष डॉ. कुलदीप सिंह, ​​​​​​प्रो. अश्विन फर्नांडिस, रीजनल डायरेक्टर एंड सीईओ-मिडिल ईस्ट, नार्थ अफ्रीका, साउथ एशिया-क्यूएस रेटिंग दुबई। इसके अलावा एनआईआरएफ नई दिल्ली के सदस्य डॉ. अनिल कुमार नासा, इंडियन लैंग्वेज कमेटी नई दिल्ली के अध्यक्ष डॉ. छामू कृष्ण शास्त्री, नैक बेंगलुरू के पूर्व सलाहकार डॉ. के रामा, चंडीगढ़ विश्वविद्यालय प्रति कुलपति प्रो. संजीत सिंह, चंडीगढ़ विश्वविद्यालय वाइस प्रेसिडेंट हिमानी सूद, एआईसीटीई नई दिल्ली के चेयरमैन डॉ. टीजी सीथाराम, एआईयू नई दिल्ली के जनरल सेक्रेटरी डॉ. पंकज मित्तल, यूनिवर्सिटी ऑफ दिल्ली के कुलपति डॉ. योगेश सिंह भाग लिया है।

इस मंथन में 34 विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हिस्सा लिए हैं। जिसमें आचार्य नरेंद्र देव यूनिवर्सिटी अयोध्या, अटल बिहारी बाजपेई मेडिकल यूनिवर्सिटी लखनऊ, बांदा यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी बांदा, भातखंडे संस्कृत विश्वविद्यालय लखनऊ, बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी चंद्रशेखर आजाद विश्वविद्यालय कानपुर, छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ, दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर यूनिवर्सिटी, डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम टेक्नोलॉजी विश्वविद्यालय लखनऊ, डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा, डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय अयोध्या के प्रोफेसर हिस्सा लिए हैं।

इसके अलावा डॉ. राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस लखनऊ, डॉ. शकुंतला मिश्रा नेशनल विश्वविद्यालय लखनऊ, हार्टकोर्ट बटलर टेक्नोलॉजी विश्वविद्यालय कानपुर, जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय बलिया, ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती लैंग्वेज विश्वविद्यालय लखनऊ, किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी लखनऊ, मां शाकुंभरी यूनिवर्सिटी सहारनपुर, मदन मोहन मालवीय यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी गोरखपुर, महाराजा सुहेलदेव स्टेट विश्वविद्यालय आजमगढ़, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी, महात्मा ज्योतिबा फूले रोहिलखंड विश्वविद्यालय बरेली के प्रोफेसर भाग लिए हैं।

इस कार्यक्रम में महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय गोरखपुर, प्रोफेसर राजेंद्र सिंह विश्वविद्यालय प्रयागराज, राजा महेंद्र प्रताप सिंह स्टेट विश्वविद्यालय अलीगढ़, संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी, संजय गांधी पोस्टग्रेजुएट इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस लखनऊ, सरदार वल्लभभाई पटेल यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी मेरठ, सिद्धार्थ यूनिवर्सिटी कपिलवस्तु सिद्धार्थनगर, यूनिवर्सिटी ऑफ लखनऊ, पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय मथुरा, यूपी राजश्री टंडन ओपन यूनिवर्सिटी प्रयागराज, वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल यूनिवर्सिटी जौनपुर के प्रोफेसर शामिल हुए हैं।

 

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