योगी सरकार किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए लगातार नए आयाम स्थापित कर रही है। इसी कड़ी में मशरूम की खेती को प्रदेश में बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे किसानों को रोजगार के साथ-साथ आय का नया स्रोत भी मिल रहा है। राजधानी लखनऊ सहित उत्तर प्रदेश के आठ जिलों — लखनऊ, मथुरा, सहारनपुर, मिर्जापुर, जौनपुर, हरदोई, रायबरेली और भदोही — में इस प्रॉफिटेबल खेती का अभियान तेजी से चल रहा है। इस पहल के तहत न केवल पुरुष किसान बल्कि महिलाएं भी मशरूम उत्पादन में सक्रिय रूप से भाग ले रही हैं, जो महिलाओं की उद्यमिता के लिए प्रेरणा बन रहा है।
मथुरा की गीता देवी और हरदोई की सोनाली सभरवाल इस क्षेत्र की मिसाल हैं, जिन्होंने मशरूम खेती को आर्थिक सफलता का जरिया बनाया है। गीता देवी ने योगी सरकार के सहयोग से लगभग 1 करोड़ 61 लाख रुपये के प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी और 70 लाख रुपये का लोन प्राप्त किया। उनकी मशरूम उत्पादन से हर साल 20 से 25 लाख रुपये तक की आमदनी हो रही है। गीता देवी न केवल अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत कर रही हैं, बल्कि आसपास के क्षेत्रों में भी मशरूम की सप्लाई कर रही हैं। वहीं, सोनाली सभरवाल भी महिलाओं को इस क्षेत्र में प्रोत्साहित करते हुए मशरूम खेती को ग्रामीण इलाकों में फैलाने का काम कर रही हैं।
इस पहल के माध्यम से किसानों को तकनीकी और वैज्ञानिक खेती की ओर बढ़ावा दिया जा रहा है। सरकार की आत्मनिर्भर कृषक समन्वित विकास योजना और एग्री इंफ्रास्ट्रक्चर फंड (AIF) के तहत किसानों को आवश्यक संसाधन, प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। किसानों के लिए agriinfra.dac.gov.in वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन की सुविधा उपलब्ध है, जहां केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार मिलकर 3-3 प्रतिशत ब्याज सहायता प्रदान करती हैं। इस योजना से किसान न केवल पारंपरिक खेती से हटकर हाई प्रॉफिट वाले कृषि व्यवसाय को अपना रहे हैं, बल्कि अपनी आर्थिक स्थिति को भी बेहतर बना रहे हैं।
मशरूम उत्पादन को सफल बनाने के लिए किसानों को नियमित प्रशिक्षण, वर्कशॉप और फील्ड विजिट के माध्यम से वैज्ञानिक खेती की जानकारी दी जा रही है। कृषि विशेषज्ञ टीमें किसानों को उत्पादन बढ़ाने और गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करती हैं। इससे उत्पादन की मात्रा और गुणवत्ता दोनों में सुधार हुआ है, जिससे किसानों की आय में वृद्धि हुई है।
योगी सरकार की यह पहल महिलाओं की आर्थिक सशक्तिकरण और प्रदेश के ग्रामीण विकास में एक बड़ा योगदान दे रही है। मशरूम खेती के जरिए महिलाएं न केवल घरेलू आय बढ़ा रही हैं, बल्कि सामाजिक एवं आर्थिक रूप से मजबूत हो रही हैं। तकनीकी कृषि और महिला उद्यमिता के इस समन्वय ने खेती को केवल जीविकोपार्जन के साधन से आगे बढ़ाकर समृद्धि और आत्मनिर्भरता का माध्यम बना दिया है।