उत्तर प्रदेश सरकार की “जीरो टॉलरेंस टूवर्ड फ्रॉडस्टर्स” नीति के तहत बांदा पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। साइबर क्राइम थाना बांदा की टीम ने ऑनलाइन साइबर ठगी करने वाले एक संगठित गिरोह का पर्दाफाश करते हुए दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के कब्जे से भारी मात्रा में डिजिटल और फर्जी दस्तावेज बरामद किए गए हैं।
पुलिस अधीक्षक बांदा पलाश बंसल के निर्देशन में, अपर पुलिस अधीक्षक शिवराज तथा क्षेत्राधिकारी साइबर सौरभ सिंह के निकट पर्यवेक्षण में यह कार्रवाई की गई। साइबर क्राइम थाना प्रभारी की अगुवाई में टीम ने डिजिटल ट्रैकिंग और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों के आधार पर आरोपियों को तिंदवारा बाइपास के पास से गिरफ्तार किया।
पुलिस के अनुसार, 16 दिसंबर को साइबर क्राइम थाने में दर्ज शिकायत में बताया गया था कि कानपुर नगर निवासी एक व्यापारी के जीएसटी के फर्जी दस्तावेज तैयार कर, आरोपी ऑनलाइन सामान बेचने का झांसा देकर आम नागरिकों से ठगी कर रहे हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की गई।
पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया कि वे कूटरचित आधार कार्ड, फर्जी पैन कार्ड, अवैध रूप से तैयार क्यूआर कोड और जीएसटी नंबर का दुरुपयोग कर लोगों को ऑनलाइन खरीदारी के नाम पर ठगते थे।
बरामदगी में शामिल: 08 मोबाइल फोन, 12 एटीएम कार्ड, 07 सिम कार्ड किट, 05 आधार कार्ड, 01 पैन कार्ड, 03 पासबुक, स्वाइप मशीन, लैपटॉप, मॉनिटर, सीपीयू, फिंगर प्रिंट स्कैनर, 15 अकाउंट किट और नकद 510 रुपये।
गिरफ्तार अभियुक्त: अनिल कुमार और चंद्रकिशोर, दोनों निवासी ग्राम तिंदवारा, थाना कोतवाली नगर, जनपद बांदा। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ बीएनएस की संबंधित धाराओं और आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर आगे की विधिक कार्रवाई शुरू कर दी है।