1. हिन्दी समाचार
  2. उत्तर प्रदेश
  3. UP : स्मार्ट प्रीपेड मीटर पर विवाद, नए बिजली कनेक्शन महंगे होने की आशंका

UP : स्मार्ट प्रीपेड मीटर पर विवाद, नए बिजली कनेक्शन महंगे होने की आशंका

UP : उत्तर प्रदेश में नए बिजली कनेक्शनों पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने के आदेश का विरोध हुआ है। उपभोक्ता परिषद का कहना है कि इससे कनेक्शन महंगे हो जाएंगे और नियमों का पालन नहीं हुआ है। परिषद ने सरकार से जांच की मांग की है जबकि पावर कॉरपोरेशन ने इसे ग्रामीण कनेक्शनों के लिए जरूरी बताया है।

By: Desk Team  RNI News Network
Updated:
UP : स्मार्ट प्रीपेड मीटर पर विवाद, नए बिजली कनेक्शन महंगे होने की आशंका

उत्तर प्रदेश में नए बिजली कनेक्शनों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने के आदेश पर अब सवाल खड़े हो गए हैं। राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने इस आदेश को असंवैधानिक बताते हुए विद्युत नियामक आयोग में प्रस्ताव दाखिल किया है। परिषद का कहना है कि बिना आयोग की मंजूरी के पावर कॉरपोरेशन ने स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का निर्णय लिया है, जिससे उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। परिषद अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने आरोप लगाया कि इससे नए कनेक्शन की लागत कई गुना बढ़ जाएगी।

वर्मा ने उदाहरण देते हुए बताया कि पहले जहां एक किलोवाट का कनेक्शन 1,032 रुपये में मिल रहा था, वहीं स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाने पर यह लागत 6,166 रुपये तक पहुंच जाएगी। इसी तरह, पांच किलोवाट का कनेक्शन 7,057 रुपये से बढ़कर 15,470 रुपये हो जाएगा। परिषद ने इस फैसले पर सवाल उठाते हुए सरकार से जांच कराने की मांग की है और कहा कि आयोग की कमेटी ने अभी तक इस संबंध में कोई अनुमोदन नहीं दिया है।

इस बीच, मध्यांचल डिस्काम द्वारा लगभग 100 करोड़ रुपये खर्च कर 13 लाख से अधिक इलेक्ट्रॉनिक मीटर खरीदने के फैसले पर भी परिषद ने आपत्ति जताई है। परिषद का कहना है कि जब स्मार्ट प्रीपेड मीटर लागू करने की योजना बनाई जा रही है, तो इतने बड़े पैमाने पर पुराने मीटर खरीदने की क्या आवश्यकता है। परिषद अध्यक्ष ने सवाल उठाया कि इलेक्ट्रॉनिक मीटर का टेंडर सिंगल फेज मीटर की दर 611 रुपये में निकला है, जो जीएसटी सहित करीब 720 रुपये पड़ेगा। यह दर मौजूदा दर से लगभग 152 रुपये कम है। बावजूद इसके, बड़े पैमाने पर खरीद प्रक्रिया पारदर्शी नहीं लग रही।

वर्मा ने ओडिशा का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां एक किलोवाट का कनेक्शन महज 4,500 रुपये में मिल रहा है, जबकि यूपी में स्मार्ट प्रीपेड मीटर की वजह से यह लागत काफी बढ़ जाएगी। परिषद ने इसे आम उपभोक्ताओं के लिए अतिरिक्त आर्थिक बोझ बताया।

हालांकि, पावर कॉरपोरेशन के अध्यक्ष डॉ. आशीष गोयल ने सफाई देते हुए कहा कि संबंधित इलेक्ट्रॉनिक मीटर गांवों में बिजली कनेक्शन देने के लिए खरीदे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर और इलेक्ट्रॉनिक मीटर दोनों ही अलग-अलग उद्देश्यों के लिए खरीदे गए हैं।

इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें गूगल न्यूज़, फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...