उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कांग्रेस कार्यालय के बाहर लगाए गए एक विवादित पोस्टर ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। पोस्टर के जरिए कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी सरकार पर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने और बड़े उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया है।
पोस्टर में लिखा गया- “एक पेड़ मां के नाम, पूरा जंगल अडानी के नाम”… साथ ही यह भी लिखा गया कि- “एक पेड़ दिखाकर वोट लिया, पूरा जंगल अडानी को दे दिया”
कांग्रेस ने इस संदेश के जरिए केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि विकास के नाम पर प्राकृतिक संसाधनों का निजीकरण किया जा रहा है।
पोस्टर में अरावली पर्वत श्रृंखला का विशेष उल्लेख करते हुए चेतावनी दी गई- “बचा लो अरावली, वरना सांस भी बिकेगी”
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि सरकार की नीतियां अरावली जैसे संवेदनशील पर्यावरणीय क्षेत्रों के लिए खतरा बन रही हैं। उनका आरोप है कि जंगलों, पहाड़ों और प्राकृतिक संसाधनों को बड़े उद्योगपतियों, विशेषकर अडानी समूह जैसी कंपनियों के हित में खोला जा रहा है।
कांग्रेस ने प्रधानमंत्री के ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान पर तंज कसते हुए कहा कि एक तरफ प्रतीकात्मक रूप से पर्यावरण संरक्षण की बात की जा रही है, वहीं दूसरी ओर बड़े स्तर पर जंगलों और पहाड़ों को कॉर्पोरेट हितों के लिए सौंपा जा रहा है। पार्टी का दावा है कि इससे आने वाली पीढ़ियों को गंभीर पर्यावरणीय संकट का सामना करना पड़ेगा।
पोस्टर लगाए जाने के बाद प्रदेश की राजनीति में बयानबाजी तेज हो गई है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि उनका विरोध प्रदर्शन पर्यावरण संरक्षण और जनहित से जुड़ा है। वहीं अब सबकी नजर इस बात पर टिकी है कि सत्तारूढ़ दल और सरकार की ओर से इस मुद्दे पर क्या प्रतिक्रिया सामने आती है।
लखनऊ में कांग्रेस द्वारा लगाए गए पोस्टर ने पर्यावरण, विकास और कॉर्पोरेट हितों को लेकर नई बहस छेड़ दी है। आने वाले दिनों में यह मुद्दा प्रदेश और राष्ट्रीय राजनीति में और गरमाने की संभावना है।