उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भले ही सड़कों की बेहतर कनेक्टिविटी के लिए करोड़ों की योजनाएं स्वीकृत कर रहे हों, लेकिन उनके गृह जनपद गोरखपुर में ही पीडब्ल्यूडी विभाग की लापरवाही और उदासीनता योजनाओं पर ग्रहण बनती नजर आ रही है। हार्वट बंधे से 0 किलोमीटर तक बनने वाले टू-लेन बाईपास की डीपीआर भले ही शासन से स्वीकृत हो चुकी हो, लेकिन काम अब तक अधूरा पड़ा है।
यह प्रोजेक्ट बरसात से पहले पूरा होना था, लेकिन न तो कार्य समय पर पूरा हुआ और न ही उसकी गुणवत्ता में गंभीरता दिखाई दी। निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर सवाल उठते रहे हैं, लेकिन पीडब्ल्यूडी विभाग के मुख्य अभियंता तक इस पर कोई जवाब देने को तैयार नहीं हैं।
जब मुख्यमंत्री के शहर में ही ड्रीम प्रोजेक्ट ठप हैं तो अन्य जनपदों की स्थिति का अंदाज़ा लगाना मुश्किल नहीं। यह रियलिटी चेक बताता है कि गोरखपुर में पीडब्ल्यूडी की ज़मीनी हकीकत बेहद चिंताजनक है, और सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन महज कागज़ों में सिमट कर रह गया है।