Gorakhpur : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दो दिवसीय गोरखपुर प्रवास का दूसरा दिन जनसेवा और धार्मिक आस्था से जुड़ी गतिविधियों में व्यस्त रहा। रविवार सुबह सीएम योगी ने गोरखनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना कर अपने दिन की शुरुआत की और इसके बाद मंदिर परिसर स्थित गौशाला में जाकर गौसेवा की। उन्होंने गायों को चारा खिलाया और स्वच्छता की स्थिति का जायजा लिया।
इसके पश्चात गोरखनाथ मंदिर परिसर में आयोजित जनता दर्शन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने सैकड़ों फरियादियों से मुलाकात की। विभिन्न जिलों से आए लोगों ने अपनी समस्याएं, शिकायतें और अनुरोध मुख्यमंत्री के समक्ष रखे। सीएम योगी ने प्रत्येक फरियादी की बात ध्यानपूर्वक सुनी और संबंधित अधिकारियों को त्वरित समाधान के निर्देश दिए।
जनता दर्शन में जमीन विवाद, पुलिस उत्पीड़न, पेंशन, आवास और इलाज जैसी समस्याएं सामने आईं। मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट किया कि हर पीड़ित को न्याय मिलना चाहिए और अफसर संवेदनशीलता के साथ मामले निपटाएं। उन्होंने कहा कि “जनता को राहत देना ही प्रशासन की पहली जिम्मेदारी है।”
इस मौके पर जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक समेत अन्य उच्चाधिकारी मौजूद रहे। सीएम योगी ने प्रशासन को यह भी निर्देश दिए कि वे नियमित रूप से जनता से संवाद बनाएं रखें और समयबद्ध शिकायत निस्तारण सुनिश्चित करें।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से विकास कार्यों की प्रगति रिपोर्ट भी मांगी और जनकल्याणकारी योजनाओं के जमीनी क्रियान्वयन का फीडबैक लिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि “किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
गोरखपुर दौरे के दौरान सीएम योगी की सक्रियता यह दर्शाती है कि वे प्रशासनिक जिम्मेदारियों को लेकर पूरी तरह सजग हैं और जनता से सीधा संवाद उनका प्रमुख उद्देश्य है। जनता दर्शन कार्यक्रम न केवल लोगों को अपनी बात कहने का अवसर देता है, बल्कि उन्हें तत्काल राहत की उम्मीद भी देता है।