उत्तर प्रदेश में SIR (स्पेशल इंटेंसिव रिविजन) की समीक्षा को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अब पूरी तरह चुनावी मोड में दिखाई दे रहे हैं। मुजफ्फरनगर, अलीगढ़ और अन्य जिलों में वोटर लिस्ट की जांच के बीच सीएम योगी ने सोमवार को सर्किट हाउस में बैठक की और पार्टी पदाधिकारियों को माइक्रो मैनेजमेंट से लेकर लाभार्थी संपर्क तक हर स्तर पर सक्रिय रहने के निर्देश दिए।
इस समीक्षा बैठक में विपक्ष के जनप्रतिनिधियों को नहीं बुलाया गया- केवल बीजेपी के जनप्रतिनिधि और पदाधिकारी उपस्थित रहे। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि सीएम योगी ने अब से ही 2027 की चुनावी जमीन तैयार करना शुरू कर दिया है।
SIR में लापरवाही पर सख्त रुख, कार्यकर्ताओं को दी जिम्मेदारियाँ
सीएम योगी ने स्पष्ट किया कि SIR में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा- “वोटर लिस्ट में एक भी फर्जी वोट नहीं जुड़ना चाहिए, और पात्र लोगों का नाम छूटना नहीं चाहिए।” सीएम योगी ने कार्यकर्ताओं से बूथ स्तर पर जाकर जमीनी फीडबैक लेने, लाभार्थियों तक योजनाओं को तेजी से पहुंचाने और हर वर्ग के मतदाताओं से लगातार संपर्क बनाए रखने को कहा।
बीजेपी पदाधिकारियों के अनुसार, मुख्यमंत्री अभी से 2027 के लिए चुनावी मोड में हैं। फरवरी 2026 के बाद पार्टी 2027 का चुनावी बिगुल फूंक देगी।
हर वार्ड में लाभार्थी शिविर: 2027 की तैयारी का बड़ा आधार
मुरादाबाद सहित कई जिलों में हर वार्ड में शिविर लगाए जा रहे हैं, जहां पात्र नागरिकों को-
पेंशन,
राशन कार्ड,
आयुष्मान कार्ड,
आवास योजनाएँ का लाभ दिलाने की प्रक्रिया तेज की जा रही है।
पार्टी पदाधिकारियों का कहना है कि यह लाभार्थी वर्ग 2027 के चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। बूथ अध्यक्षों के सक्रिय होते ही जमीनी फीडबैक और मतदाता बढ़ाने की प्रक्रिया तेज हो गई है।
SIR से लेकर लाभार्थियों तक- योगी सरकार ने 2027 की तैयारी शुरू की
SIR समीक्षा के बहाने सीएम योगी ने BJP कार्यकर्ताओं को चुनावी माइक्रो मैनेजमेंट का रोडमैप दे दिया है। वहीं दूसरी ओर-
मंदिर भूमि विवाद,
न्यायालयों की मांग,
और घायल संविदाकर्मी की मदद जैसे मुद्दे भी मुख्यमंत्री के संज्ञान में आ चुके हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह सब संकेत देता है कि यूपी सरकार और बीजेपी संगठन 2027 के मिशन को अभी से गति देने में जुट गए हैं।