उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को आवास एवं शहरी नियोजन विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में विकास प्राधिकरणों में लंबित भवन मानचित्र प्रकरणों का शीघ्र समाधान करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि बार-बार आपत्तियों की प्रक्रिया को समाप्त कर एकमुश्त निस्तारण सुनिश्चित किया जाए, जिससे निवेशकों और आम नागरिकों को राहत मिल सके।
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि सभी नगरों के GIS आधारित मास्टर प्लान का अनुमोदन मई माह के अंत तक हर हाल में करा लिया जाए। उन्होंने इन योजनाओं को आधुनिक शहरी प्रबंधन के लिए आवश्यक करार दिया।
मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि कानपुर मेट्रो के कॉरिडोर 1 और 2 तथा आगरा मेट्रो के दोनों कॉरिडोर के निर्माण कार्यों को क्रमशः दिसंबर 2025 और 2026 तक पूर्ण किया जाएगा। वहीं लखनऊ मेट्रो के चारबाग से बसंतकुंज सेक्शन का कार्य भी तेज़ी से जारी है।
सीएम योगी ने लखनऊ में 32.5 एकड़ में बनने वाले इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर को अधिकतम 2 वर्षों में पूरा करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि यह केंद्र “नए लखनऊ” की पहचान बनेगा और वैश्विक आयोजनों का केंद्र होगा।
मुख्यमंत्री शहरी विस्तार योजना के अंतर्गत झांसी, बरेली, अलीगढ़, सहारनपुर, आगरा, कानपुर, मथुरा, मुरादाबाद, बुलंदशहर, गाजियाबाद, मेरठ और लखनऊ में जून से दिसंबर 2025 तक चरणबद्ध रूप से नई आवासीय परियोजनाएं लॉन्च की जाएंगी।
बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरी नियोजन, हाउसिंग, डिजिटल प्रबंधन और अधोसंरचना विकास को समन्वित दृष्टिकोण से लागू किया जाए। उन्होंने पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) आधारित योजनाओं को प्राथमिकता देने और रेरा तथा यूपी आवास पोर्टल को अधिक पारदर्शी और उपयोगकर्ता अनुकूल बनाने पर बल दिया।
लखनऊ, बाराबंकी, सीतापुर, हरदोई, रायबरेली और उन्नाव को जोड़ने वाली UP-SCR परियोजना की DPR प्रक्रिया में कोई देरी न हो, यह निर्देश भी सीएम योगी ने दिया। साथ ही, लैंड पूलिंग पॉलिसी 2025 और भवन निर्माण उपविधि को प्रभावी रूप से लागू करने की रणनीति तैयार करने को कहा।
सीएम योगी ने ग्रीन बिल्डिंग सर्टिफिकेशन, सोलर रूफटॉप, रेनवॉटर हार्वेस्टिंग और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को सभी नई शहरी परियोजनाओं में अनिवार्य रूप से शामिल करने के निर्देश दिए।