मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में आने वाले प्रमुख पर्व-त्योहारों और मेलों के सुचारु एवं सुरक्षित आयोजन के लिए सभी अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि “स्वच्छता, सुरक्षा और सतर्कता” तैयारियों का आधार होना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह केवल प्रशासनिक दायित्व नहीं, बल्कि सेवा और संवेदनशीलता से जुड़ा कार्य है। हर श्रद्धालु की सुविधा, सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करना शासन-प्रशासन की सर्वोच्च जिम्मेदारी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्व-त्योहारों के दौरान लाखों की संख्या में श्रद्धालु घाटों और मेलों में पहुंचते हैं, ऐसे में भीड़ प्रबंधन, ट्रैफिक कंट्रोल और सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह सुदृढ़ होनी चाहिए। उन्होंने निर्देश दिया कि किसी प्रकार की अराजकता या अवांछनीय तत्वों की उपस्थिति बर्दाश्त नहीं होगी।

पुलिस और स्थानीय प्रशासन को माहौल शांतिपूर्ण, सुरक्षित और व्यवस्थित बनाए रखने की जिम्मेदारी सौंपते हुए उन्होंने संवेदनशील स्थलों पर विशेष निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री योगी ने पुलिस विभाग को स्पष्ट निर्देश दिए कि ड्यूटी के दौरान संवेदनशील धार्मिक स्थलों, घाटों और मेलों में “रील बनाने वाले पुलिसकर्मियों” की तैनाती न की जाए, ताकि अनुशासन और जनसेवा की मर्यादा बनी रहे।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने प्रदेश की कानून-व्यवस्था, आईजीआरएस, सीएम हेल्पलाइन, आगामी त्योहारों की तैयारियों, धान खरीद और स्वास्थ्य सेवाओं सहित विभिन्न मुद्दों पर व्यापक समीक्षा की। बैठक में सभी मंडलायुक्त, जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और शासन स्तर के अधिकारी शामिल रहे।
मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से कार्तिक पूर्णिमा, देव दीपावली, गुरु नानक जयंती, ददरी मेला (बलिया) और गढ़मुक्तेश्वर मेला (हापुड़) की तैयारियों की गहन समीक्षा की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नदियों का जलस्तर ऊंचा है और प्रवाह तेज है, ऐसे में स्नान घाटों पर अतिरिक्त सतर्कता बरतना आवश्यक है। उन्होंने एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की सक्रिय तैनाती और बोटिंग के दौरान लाइफ जैकेट अनिवार्य करने के निर्देश दिए।
उन्होंने घाटों पर निम्न सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा—
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए कि धान खरीद प्रक्रिया सुचारु रूप से चलती रहे और किसानों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। उन्होंने आदेश दिया कि धान खरीद में किसी भी स्तर पर बिचौलियों की भूमिका स्वीकार्य नहीं होगी और किसानों को समय पर भुगतान हर हाल में सुनिश्चित किया जाए। साथ ही जिलाधिकारियों को खाद और उन्नत बीजों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा गया।
हाल ही में हुई बारिश से प्रभावित फसलों का तत्काल सर्वे कर किसानों को बिना विलंब राहत और मुआवजा देने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए। उन्होंने कहा कि किसान को क्षतिपूर्ति पाने में किसी प्रकार की परेशानी नहीं होनी चाहिए।
अवैध खनन पर कड़ा रुख अपनाते हुए मुख्यमंत्री ने विशेष टीम गठित कर औचक जांच करने का आदेश दिया। अनियमितता पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री योगी ने निराश्रित गो-आश्रय स्थलों की व्यवस्थाओं की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारियों को स्वयं इन स्थलों का निरीक्षण करने और हर गोवंश के लिए चारा-पानी, चिकित्सा और साफ-सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा। साथ ही आशा, आंगनबाड़ी, रसोइयों तथा मानदेय पर कार्यरत कर्मियों को हर माह समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने “विकसित उत्तर प्रदेश @2047” अभियान की प्रगति की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रदेशभर से अब तक 72 लाख से अधिक सुझाव प्राप्त हो चुके हैं। जौनपुर, गाजीपुर, हरदोई, प्रतापगढ़, बिजनौर, गोरखपुर, बरेली, सोनभद्र और गोंडा सहित विभिन्न जिलों के लोगों ने विकास से जुड़े मूल्यवान सुझाव साझा किए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अभियान को जनभागीदारी का स्वरूप दिया जाए, ताकि प्रदेश के विकास का रोडमैप जनता के सुझावों से अधिक सुदृढ़ और प्रभावी बन सके।