महाकुंभ का आयोजन न केवल एक धार्मिक पर्व है, बल्कि यह जीवन, मृत्यु और मोक्ष के गूढ़ रहस्यों को जानने और समझने का भी एक माध्यम है। महाकुंभ के दौरान नागा साधुओं की उपस्थिति और उनकी जीवन शैली लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र होती है।
महाकुंभ का आयोजन न केवल एक धार्मिक पर्व है, बल्कि यह जीवन, मृत्यु और मोक्ष के गूढ़ रहस्यों को जानने और समझने का भी एक माध्यम है। महाकुंभ के दौरान नागा साधुओं की उपस्थिति और उनकी जीवन शैली लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र होती है।
महाकुंभ के अवसर पर बुधवार को मौनी अमावस्या के पावन पर्व पर सबसे बड़ा अमृत स्नान आयोजित किया जाएगा। प्रशासन ने अनुमान लगाया है कि इस दिन आठ से दस करोड़ श्रद्धालु महाकुंभ में आ सकते हैं। भीड़ प्रबंधन और सुचारु व्यवस्था के लिए प्रशासन ने अखाड़ों के स्नान के समय में बदलाव किया है।
गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मठों, मंदिरों और अखाड़ों के संतों के साथ वैदिक मंत्रोच्चार के बीच संगम में पवित्र डुबकी लगाई। संत समाज ने उन्हें वैदिक विधि से स्नान करवाया और मां गंगा का पावन जल गृहमंत्री पर छिड़ककर पूजा-अर्चना कराई।
तीरथराज प्रयाग का महाकुंभ जन मन का महापर्व बन चुका है। अपवाद छोड़ दें तो हर कोई एक-दूसरे का हर संभव सहयोग कर रहा है। बिना पूछे भी। प्रशासन की तो खैर हर जगह प्रभावी उपस्थित है ही। हमारे सनातन धर्म का हर आयोजन, जन मन का आयोजन बने।
प्रयागराज महाकुंभ के दौरान सोमवार को आयोजित सनातन धर्म संसद में मथुरा को लेकर एक नई आवाज उठी। इस मौके पर प्रसिद्ध कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने वक्फ बोर्ड और मंदिरों के सरकारी नियंत्रण पर तीखे सवाल उठाए।
महाकुंभ के दौरान आयोजित परमधर्म संसद में शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने धर्म न्यायालय के गठन की घोषणा की। उन्होंने कहा कि धार्मिक मामलों के समाधान के लिए एक अलग न्यायालय की जरूरत है, जिससे न्यायिक प्रक्रिया में विशेषज्ञता और संवेदनशीलता लाई जा सके।
प्रयागराज महाकुंभ 2025 में आज धर्म संसद का आयोजन किया गया है, जिसमें सनातन बोर्ड के गठन का ऐलान किया जाना है। इस ऐतिहासिक फैसले पर चारों शंकराचार्य, 13 अखाड़े और हजारों साधु-संत अपनी सहमति पर मुहर लगाएंगे।
राष्ट्रीय संत सदगुरु ऋतेश्वर महाराज ने रायबरेली में महाकुंभ की महिमा का बखान करते हुए कहा कि जहां अमृत छलका था, वहीं महाकुंभ का आयोजन होता है। इस बार का महाकुंभ भारत की प्राचीन संस्कृति और खोई हुई गरिमा को वापस लाने का माध्यम बनेगा।
महाकुंभ 2025 के दौरान 5 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी त्रिवेणी संगम में पवित्र डुबकी लगाएंगे। उनके इस कार्यक्रम की आधिकारिक घोषणा हो चुकी है। इसी दिन कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय भी महाकुंभ में स्नान करेंगे। उनके साथ कांग्रेस के कई अन्य नेता और पदाधिकारी भी शामिल होंगे।
महाकुंभ 2025 के विशेष स्नान पर्व मौनी अमावस्या के अवसर पर विंध्यधाम में लाखों श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है। यह पर्व 29 जनवरी को है, और इस दिन पांच से छह लाख श्रद्धालुओं के विंध्यवासिनी धाम में दर्शन करने की संभावना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चर्चित कार्यक्रम मन की बात की तर्ज पर प्रयागराज महाकुम्भ में साधुओं के मन की बात कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। आयोजन में सनातन धर्म के प्रमुख विषयों और योगी सरकार के दिव्य और भव्य महाकुम्भ के आयोजन के विभिन्न विषयों को केंद्र में रखकर साधु संत अपनी बात रखेंगे।
महाकुंभ मेले में शुक्रवार से बाहरी गाड़ियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह निर्णय गणतंत्र दिवस के चलते शनिवार और रविवार को होने वाली भारी भीड़ को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
महाकुम्भ में तकनीक और सांस्कृतिक संगम के अद्भुत प्रदर्शन की तैयारी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर श्रद्धालुओं की सुविधा का विशेष ध्यान रखा जा रहा है।
प्रयागराज में महाकुंभ 2025 की तैयारियों के बीच महामंडलेश्वर और नागा साधु बनने की प्रक्रिया सुर्खियों में है। इस बार अखाड़ों ने सख्त नियमों का पालन करते हुए 12 महामंडलेश्वर और 92 नागा साधु बनने के आवेदनों को अस्वीकार कर दिया।
प्रयागराज में सनातन के महापर्व महाकुम्भ का दिव्य भव्य आयोजन चल रहा है। देश भर से करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु महाकुम्भ में संगम स्नान करने हर दिन आ रहे हैं। अब तक 10 करोड़ श्रद्धालु संगम में स्नान कर चुके हैं।