प्रयागराज में दिव्य और भव्य महाकुम्भ 2025 का आयोजन पूरे हर्षोल्लास के साथ हो रहा है। देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु पुण्य की डुबकी लगाने के लिए संगम नगरी पहुंच रहे हैं।
प्रयागराज में दिव्य और भव्य महाकुम्भ 2025 का आयोजन पूरे हर्षोल्लास के साथ हो रहा है। देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु पुण्य की डुबकी लगाने के लिए संगम नगरी पहुंच रहे हैं।
महाकुम्भ 2025 केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि आस्था, सेवा और समर्पण का महायज्ञ है। यह वास्तव में दो प्रकार के लोगों का होता है, वे जो श्रद्धा के साथ आते हैं, और वे जो सेवा में समर्पित होते हैं।
कौशाम्बी में महाकुंभ के आयोजन को लेकर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। देश के विभिन्न हिस्सों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु संगम की ओर रवाना हो रहे हैं, जिससे इलाके में भारी भीड़भाड़ देखी जा रही है।
महाकुंभ के दौरान सेक्टर-12 में आयोजित परमधर्मसंसद में हिंदू पहचान, दिनचर्या और संस्कारों पर विशेष चर्चा हुई। इस दौरान ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने हिंदू धर्म की पहचान और उसके महत्व को बनाए रखने पर जोर दिया।
प्रयागराज में आयोजित होने वाला महाकुंभ 2025 हर दिन नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। यह आयोजन अपनी दिव्यता और भव्यता के कारण विश्व स्तर पर एक अनूठी पहचान बना रहा है।
सनातन संस्कृति के सबसे बड़े समागम प्रयागराज महाकुम्भ में बसंत पंचमी का अमृत स्नान पूर्ण होने के बाद अब धीरे-धीरे यह आयोजन अपने समापन की ओर बढ़ रहा है। ऐसा बताया जा रहा है कि 7 फरवरी से यहां अखाड़ों की रवानगी शुरू हो जाएगी।
केंद्रीय मंत्री श्रीपद नाइक ने महाकुंभ 2025 के दिव्य और भव्य आयोजन की सराहना करते हुए इसे ऐतिहासिक और अनुकरणीय बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व में यह आयोजन एक मिसाल बन गया है।
महाकुंभ 2025 के अवसर पर दिगंबर अनि अखाड़े में एक ऐतिहासिक परिवर्तन देखा गया। 550 वर्षों की परंपरा को बदलते हुए अखाड़े ने पहली बार लोकतांत्रिक प्रणाली अपनाई और पदाधिकारियों के लिए निर्वाचन प्रक्रिया लागू की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को प्रयागराज के त्रिवेणी संगम में स्नान कर मां गंगा का पूजन किया। केसरिया वस्त्र धारण किए पीएम मोदी ने मंत्रोच्चार के बीच आस्था की डुबकी लगाई और परिक्रमा कर गंगा को नमन किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को कांग्रेस व समाजवादी पार्टी पर बरसे। मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि एक तरफ सनातन धर्म के इस सबसे बड़े आयोजन का साक्षी बनकर देश व दुनिया गौरव की अनुभूति कर रही है तो वहीं दूसरी ओर सनातन धर्म के खिलाफ सुपारी लेकर षडयंत्र करने वाले तत्वों के द्वारा लगातार शरारत पर शरारत करते हुए झूठ व असत्य के नित नए प्रतिमान गढ़े
प्रयागराज में गत माह प्रारंभ हुए महाकुंभ को व्यवस्थित स्वरूप प्रदान करने के लिए सरकार को समाज के हर वर्ग का भरपूर सहयोग मिल रहा है।
भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक ने मंगलवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संग त्रिवेणी संगम पर पवित्र डुबकी लगाई। भूटान नरेश नामग्याल वांगचुक सोमवार को ही लखनऊ पहुंचे थे, जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका स्वागत किया।
प्रयागराज महाकुंभ में वैष्णव साधुओं द्वारा एक दुर्लभ तपस्या का प्रारंभ हुआ है, जिसमें साधक जलती आग के बीच बैठकर आध्यात्मिक साधना करते हैं। बसंत पंचमी के पावन दिन से शुरू हुई इस कठोर साधना को "पंच धूनी तपस्या" या "अग्नि स्नान साधना" कहा जाता है।