महाकुंभ मेले में अखाड़ों की विशिष्ट परंपराएं अत्यंत महत्व रखती हैं। इनमें पेशवाई और शाही स्नान की परंपरा का श्रेय महानिर्वाणी अखाड़े के नागा संन्यासियों को जाता है।
महाकुंभ मेले में अखाड़ों की विशिष्ट परंपराएं अत्यंत महत्व रखती हैं। इनमें पेशवाई और शाही स्नान की परंपरा का श्रेय महानिर्वाणी अखाड़े के नागा संन्यासियों को जाता है।
सीएम योगी 7 दिसंबर को प्रयागराज के दौरे पर थे और इससे पहले वे 27 नवंबर को भी आए थे और आज फिर प्रयागराज के दौरे पर हैं। ऐसे में 15 दिन के अंदर योगी आदित्यनाथ कुल 3 बार यहां दौरा कर चुके हैं। आज उनके हेलीकॉप्टर दिन में 12 बजे पुलिस लाइन मैदान पर लैंड हुआ। जहां से वे महाकुंभ क्षेत्र के परेड मैदान में बने केंद्रीय अस्पताल को
प्रयागराज में 2025 में होने वाले महाकुंभ मेले के दौरान इसरो की सेटेलाइटों का उपयोग विशेष निगरानी के लिए किया जाएगा। इस बार महाकुंभ में लगभग 40 करोड़ लोगों के आने की संभावना जताई जा रही है। लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने कई विशेष प्रबंध किए हैं, जिसमें इसरो की सेटेलाइटों द्वारा निगरानी मुख्य भूमिका निभाएगी।
महाकुम्भ 2025 में निर्वाणी अखाड़ा विशेष महत्व रखता है, जहाँ साधुओं के चार प्रमुख विभाग होते हैं: हरद्वारी, वसंतिया, उज्जैनिया और सागरिया। वैष्णव संप्रदाय के तहत निर्वाणी अखाड़ा सांस्कृतिक और भक्ति के संरक्षण में सबसे अग्रणी माना जाता है।
2025 में संगम पर होने वाले महाकुम्भ की तैयारियों के लिए प्रशासनिक अधिकारी पूरी तरह से सक्रिय हो गए हैं। यह महाकुम्भ अपने आप में ऐतिहासिक होने वाला है, जिसमें लगभग 40 से 50 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना जताई जा रही है।
महाकुंभ के अवसर पर रेलवे ने 45 दिनों में 13,000 ट्रेनें चलाने की योजना बनाई है। इस दौरान 3,000 विशेष ट्रेनें चलाई जाएंगी, जबकि 10,000 ट्रेनें नियमित रूप से संचालित होंगी।
महाकुंभ में देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को इस बार आदिकालीन भारतीय संस्कृति की दिव्यता और अलौकिकता के दर्शन होने जा रहे हैं।
प्रयागराज में आयोजित होने जा रहे कुंभ 2025 के लिए योगी सरकार ने सभी देशवासियों को आमंत्रित करने की योजना बनाई है। इस विशाल आयोजन की ब्रांडिंग और आमंत्रण के लिए सरकार के मंत्री देश के विभिन्न प्रदेशों का दौरा करेंगे। कार्यक्रम दिसंबर के पहले सप्ताह से आरंभ होगा।
प्रयागराज में होने जा रहा महाकुंभ मेला दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है। इस आयोजन में पूरे दुनिया से करोड़ों श्रद्धालु बढ़-चढ़ कर भाग लेते हैं। ऐसे में दिल्ली में यूपी की योगी सरकार ने विशेष रूप से महाकुंभ कॉन्क्लेव की योजना बनाई है।
सनातन परंपरा के सबसे बड़े समागम महाकुंभ 2025 का आयोजन प्रयागराज में होने जा रहा है। सीएम योगी की दिव्य भव्य महाकुंभ की परिकल्पना ने महाकुंभ नगरी के रूप में आकार लेना प्रारंभ कर दिया है।
प्रयागराज में यूपीपीएससी अभ्यार्थियों का विरोध प्रदर्शन आज चौथे दिन भी जारी रहा, जिसमें आंदोलन और ज़्यादा उग्र हो गया। छात्रों ने आरोप लगाया कि कुछ सादे वर्दी में आए लोगों ने उन्हें आंदोलन स्थल से हटाने का प्रयास किया।
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को महाकुंभ की नव्यता, दिव्यता और भव्यता का एहसास कराने की तैयारी में जुटी है। वहीं दुनिया के विशिष्ट लोग भी महाकुंभ में सम्मिलित होने और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करने को लालायित हैं।
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से प्रस्तावित पीसीएस प्रारंभिक और आरओ-एआरओ प्रारंभिक परीक्षा को लेकर विरोध में प्रतियोगी छात्रों द्वारा आंदोलन करने का ऐलान किया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उपचुनाव प्रचार की रैलियों में रविवार को समाजवादी पार्टी के नेतृत्व व नेताओं को खूब धोया। सीएम ने पीडीए को घेरते हुए इसकी नई परिभाषा बताई। उन्होंने कहा कि इनका पीडीए (प्रोडक्शन हाउस ऑफ दंगाई एंड अपराधी) है।
प्रयागराज में महाकुंभ 2025 के लिए तैयारी पूरी रफ्तार से आगे बढ़ रही है। खास तौर पर इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े कार्यों को दिसंबर माह तक पूरा किए जाने का लक्ष्य रखा गया है।