प्रयागराज: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शनिवार को महाकुंभ के अवसर पर प्रयागराज पहुंचेंगे। इस दौरान वह संत महात्माओं से मुलाकात करेंगे और त्रिवेणी संगम में स्नान कर आस्था व्यक्त करेंगे।
प्रयागराज: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शनिवार को महाकुंभ के अवसर पर प्रयागराज पहुंचेंगे। इस दौरान वह संत महात्माओं से मुलाकात करेंगे और त्रिवेणी संगम में स्नान कर आस्था व्यक्त करेंगे।
महाकुम्भ के अद्भुत आयोजन का जीवंत दृश्य पूरी दुनिया को दिखाने के लिए आधुनिकतम मीडिया सेंटर महाकुम्भ में कार्यरत है। इसमें करोड़ों रुपए की लागत से उच्च गुणवत्ता वाले हाईली प्रोफेशनल कैमरे लगाए गए हैं।
महाकुम्भ में बड़ी संख्या में आ रहे श्रद्धालुओं की सबसे मूलभूत आवश्यकताओं में से 'भोजन' और अन्य खाद्य पदार्थ है,और वर्तमान में खाद्य पदार्थो में मिलावटखोरी सबसे बड़ी चुनौती हैं।ऐसे में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के क्रम में महाकुंभ में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं को स्वच्छ और गुणवत्तापूर्ण भोजन उपलब्ध कराने के लिए सरकार और प्रशासन ने विशेष इंतजाम किए हैं |
प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ के दौरान 1800 से अधिक साधुओं को नागा साधु बनाया जाएगा। इस प्रक्रिया की शुरुआत जूना अखाड़े में धर्मध्वजा के नीचे आज से हो रही है। इसके साथ ही निरंजनी और महानिर्वाणी अखाड़ों में भी यह विशेष संस्कार संपन्न किए जाएंगे।
वैश्विक पर्यटन की इकनॉमी 2032 तक 2.2 अरब डॉलर तक होगी। ताजा रुझानों और करीब 500 ऐसे प्रसिद्ध स्थलों के कारण भारत की इसमें महत्वपूर्ण हिस्सेदारी होगी। इस हिस्से में एक बड़ा योगदान उत्तर प्रदेश का होगा।
Mahakumbh Nagar :महाकुम्भ की तैयारियों को और पुख्ता करने के लिए गुरुवार को मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और उत्तर प्रदेश के डीजीपी श्री प्रशांत कुमार ने महाकुम्भ क्षेत्र का भ्रमण किया। इस दौरान मुख्य सचिव और डीजीपी ने आईसीसीसी सभागार में उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक भी की।
प्रयागराज महाकुम्भ में आस्था का जन सैलाब उमड़ रहा है। पौष पूर्णिमा और मकर संक्रांति के स्नान पर्व पर पुण्य की डुबकी लगाने के लिए करोड़ों की संख्या में लोग महाकुम्भ क्षेत्र में आए, उसमें बहुत से लोग मोबाइल डिस्चार्च होने की वजह से कनेक्टिविटी का लाभ नहीं ले सके।
उत्तर प्रदेश सरकार वाराणसी और प्रयागराज को मिलाकर धार्मिक क्षेत्र बनाने जा रही हैं।इसमें दोनों शहरों को मिलाकर सात जिले शामिल होंगे। इसका दायरा 22 हजार वर्ग किलोमीटर से ज्यादा होगा। इसके लिए प्रदेश सरकार ने वाराणसी और प्रयागराज को मिलाकर क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण के गठन की तैयारी की है।
अघोर पंथ भारतीय संस्कृति और अध्यात्म का एक ऐसा रहस्यमयी हिस्सा है, जिसे समझना आम व्यक्ति के लिए कठिन है। यह पंथ साधना, तंत्र और परंपरा का अनूठा संगम है।
महाकुम्भ में 10 देशों के 21 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने संगम क्षेत्र में स्थित विभिन्न अखाड़ों का दौरा किया। इस यात्रा में उन्होंने न केवल महाकुम्भ के धार्मिक महत्व को समझा बल्कि भारतीय संस्कृति के अद्भुत पहलुओं को भी अनुभव किया।
9 विद्यालयों में 9 विधाओं में छह सौ से अधिक स्कूली बच्चे प्रशिक्षण ले रहे हैं। संस्कृति विभाग व कॉलेजों के संयुक्त तत्वावधान में चल रहा प्रशिक्षण सभी विद्यालयों के प्रधानाचार्यों की देखरेख में संपन्न हो रहा है। 22 जनवरी तक चलने वाले प्रशिक्षण के उपरांत इन बच्चों को महाकुम्भ से जुड़े सांस्कृतिक मंचों पर अपनी कला दिखाने का अवसर प्राप्त होगा।
प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान (DJJS) ने एक अनोखी पहल करते हुए आध्यात्मिकता और पर्यावरण संरक्षण को साथ जोड़ा है। संस्थान ने संगम के तट पर पूरी तरह इको-फ्रेंडली पंडाल का निर्माण किया है।
Swachh Mahakumbh 2025 : पौष पूर्णिमा स्नान पर्व और मकर संक्रांति के अमृत स्नान के बाद महाकुंभ क्षेत्र को स्वच्छ करने के लिए बड़े पैमाने पर स्वच्छता अभियान शुरू कर दिया गया है। घाटों पर गंदगी को तेजी से साफ किया जा रहा है। सफाई कर्मी लगातार घाटों पर तैनात हैं। हर प्रकार की गंदगी को हटाने का कार्य जारी है।
पौष पूर्णिमा स्नान पर्व और मकर संक्रांति के अमृत स्नान के बाद महाकुम्भ क्षेत्र को स्वच्छ करने के लिए बड़े पैमाने पर स्वच्छता अभियान शुरू कर दिया गया है। घाटों पर गंदगी को तेजी से साफ किया जा रहा है।
योगी सरकार द्वारा भव्य और दिव्य महाकुम्भ का आयोजन अब पूरी दुनिया का ध्यान आकर्षित कर रहा है। इसी क्रम में गुरुवार को 10 देशों का 21 सदस्यीय दल संगम में पवित्र डुबकी लगाएगा।