महाकुम्भ में 10 देशों के 21 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने संगम क्षेत्र में स्थित विभिन्न अखाड़ों का दौरा किया। इस यात्रा में उन्होंने न केवल महाकुम्भ के धार्मिक महत्व को समझा बल्कि भारतीय संस्कृति के अद्भुत पहलुओं को भी अनुभव किया।
महाकुम्भ में 10 देशों के 21 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने संगम क्षेत्र में स्थित विभिन्न अखाड़ों का दौरा किया। इस यात्रा में उन्होंने न केवल महाकुम्भ के धार्मिक महत्व को समझा बल्कि भारतीय संस्कृति के अद्भुत पहलुओं को भी अनुभव किया।
9 विद्यालयों में 9 विधाओं में छह सौ से अधिक स्कूली बच्चे प्रशिक्षण ले रहे हैं। संस्कृति विभाग व कॉलेजों के संयुक्त तत्वावधान में चल रहा प्रशिक्षण सभी विद्यालयों के प्रधानाचार्यों की देखरेख में संपन्न हो रहा है। 22 जनवरी तक चलने वाले प्रशिक्षण के उपरांत इन बच्चों को महाकुम्भ से जुड़े सांस्कृतिक मंचों पर अपनी कला दिखाने का अवसर प्राप्त होगा।
प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान (DJJS) ने एक अनोखी पहल करते हुए आध्यात्मिकता और पर्यावरण संरक्षण को साथ जोड़ा है। संस्थान ने संगम के तट पर पूरी तरह इको-फ्रेंडली पंडाल का निर्माण किया है।
Swachh Mahakumbh 2025 : पौष पूर्णिमा स्नान पर्व और मकर संक्रांति के अमृत स्नान के बाद महाकुंभ क्षेत्र को स्वच्छ करने के लिए बड़े पैमाने पर स्वच्छता अभियान शुरू कर दिया गया है। घाटों पर गंदगी को तेजी से साफ किया जा रहा है। सफाई कर्मी लगातार घाटों पर तैनात हैं। हर प्रकार की गंदगी को हटाने का कार्य जारी है।
पौष पूर्णिमा स्नान पर्व और मकर संक्रांति के अमृत स्नान के बाद महाकुम्भ क्षेत्र को स्वच्छ करने के लिए बड़े पैमाने पर स्वच्छता अभियान शुरू कर दिया गया है। घाटों पर गंदगी को तेजी से साफ किया जा रहा है।
योगी सरकार द्वारा भव्य और दिव्य महाकुम्भ का आयोजन अब पूरी दुनिया का ध्यान आकर्षित कर रहा है। इसी क्रम में गुरुवार को 10 देशों का 21 सदस्यीय दल संगम में पवित्र डुबकी लगाएगा।
महाकुम्भ में 16 जनवरी से 24 फरवरी तक 'संस्कृति का महाकुम्भ' होगा। मुख्य मंच गंगा पंडाल का होगा, जिसमें देश के नामचीन कलाकार भारतीय संस्कृति का प्रवाह करेंगे।
मकर संक्रांति के पावन अवसर पर महाकुंभ 2025 का पहला अमृत स्नान पर्व ऐतिहासिक रहा। मंगलवार को लगभग साढ़े तीन करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम तट पर पवित्र डुबकी लगाई। संगम तट पर अखाड़ों के संतों और गुरुओं ने भी स्नान किया।
महाकुंभ 2025 में संतों और बाबाओं के अलग-अलग रंग और रूप देखने को मिल रहे हैं। इन्हीं में से एक हैं अद्भुत स्वामी श्री कृष्ण, जो अपने अनोखे कृष्ण स्वरूप और बुलेट पर भ्रमण करने की वजह से चर्चा में हैं।
प्रयागराज महाकुम्भ में आचार्य शंकर सांस्कृतिक एकता न्यास, मध्यप्रदेश द्वारा एकात्म धाम में तीसरे दिन मंगलवार को ऋषि चैतन्य आश्रम की प्रमुख आनंदमूर्ति गुरू माँ ने आचार्य शंकर विरचित ‘दृग्-दृश्य विवेक’ पर प्रवचन दिए, इस अवसर पर साधु संतो सहित हजारों की संख्या में देश-विदेश के श्रोतागण उपस्थित रहे।
महाकुम्भ में श्रद्धालुओं की अगाध श्रद्धा देखने को मिल रही हैं।करोड़ों की संख्या में लोग पुण्य स्नान के लिए संगम तट की ओर उमड़ पड़े हैं।इस दौरान जो सबसे अनूठी चीज देखने को मिली वो पुलिस का व्यवहार है,यूं तो श्रद्धालुओं को राह दिखाने के लिए मेला प्रशासन की ओर से 800 के करीब साइनेजेस लगाए गए हैं लेकिन राह दिखाने के लिए योगी सरकार की पुलिस पर लोगों ने
मकर संक्रांति पर महाकुम्भ में भारत के हर राज्य और हर जाति लोगों ने एक साथ संगम में अमृत स्नान किया। इसके साथ दुनिया भर के कई देशों के श्रद्धालु भी पहुंचे और जय श्री राम, हर हर गंगे, बम बम भोले के उद्घोष के साथ भारतीय जनमानस के साथ घुल मिल गए।
महाकुंभ नगर, जिसे मंदिरों और घाटों की नगरी कहा जाता है, में सनातनी आस्था का अनोखा स्वरूप देखने को मिला। त्रिवेणी घाट पर आयोजित गंगा आरती ने भक्ति और आस्था का ऐसा माहौल रचा कि हर कोई उसमें खो गया।
मकर संक्रांति के पावन अवसर पर प्रयागराज के महाकुंभ में आस्था का अद्भुत नजारा देखने को मिला।
मकर संक्रांति पर उमड़ा श्रद्धालुओं का जनसैलाब, दूसरा स्नान आज...