उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जान से मारने की धमकी देने का मामला सामने आया है। आरोपी ने 2 नवंबर की रात यूपी पुलिस के इमरजेंसी नंबर 112 पर कॉल करके कहा – “सीएम को गोली मार दूंगा।” जांच में पता चला कि धमकी देने वाला व्यक्ति कोई आम शरारती नहीं बल्कि टेंट कारोबारी है। आरोपी की पहचान मनीष दुबे, निवासी बरजी गांव, थाना सोरांव, प्रयागराज के रूप में हुई है।
धमकी के बाद पुलिस ने तुरंत लखनऊ, बाराबंकी और प्रयागराज में सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया। बुधवार रात स्पेशल पुलिस टीम प्रयागराज में आरोपी के घर पहुंची, लेकिन वह वहां नहीं मिला। पूछताछ में सामने आया कि मनीष दुबे परिवार समेत लखनऊ शिफ्ट हो चुका है। फिलहाल पुलिस उसकी लोकेशन ट्रेस कर रही है और लगातार छापेमारी की जा रही है।
3 नवंबर को बाराबंकी कोतवाली में दरोगा सुदर्शन सिंह ने एफआईआर दर्ज कराई। एफआईआर में लिखा गया है – “मैं प्रभारी चौकी मोहम्मदपुर में तैनात हूं। 2 नवंबर की रात 11:15 बजे पीआरवी कर्मियों ने सूचना दी कि मनीष दुबे नाम के व्यक्ति ने अपने मोबाइल से यूपी 112 पर कॉल करके सीएम को गोली मारने की धमकी दी है।” पुलिस ने कॉल डिटेल जांची तो पता चला कि कॉल करने वाला व्यक्ति कभी चारबाग, लखनऊ तो कभी प्रयागराज में होने का दावा कर रहा था। कुछ देर बाद उसने मोबाइल बंद कर दिया।
पुलिस जांच में सामने आया कि मनीष दुबे चार भाइयों में सबसे छोटा है। पुलिस अब उसके आपराधिक रिकॉर्ड और पारिवारिक पृष्ठभूमि की भी जांच कर रही है। सोरांव थाना प्रभारी केशव वर्मा ने बताया कि आरोपी की तलाश में टीमें लगाई गई हैं और उसे जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इससे पहले भी कई बार धमकियां मिल चुकी हैं।
पिछले कुछ वर्षों में दर्ज प्रमुख घटनाएं:
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को देश की सबसे ऊंची सुरक्षा श्रेणी Z+ सुरक्षा प्राप्त है। उनके साथ हर समय NSG (नेशनल सिक्योरिटी गार्ड) के 25 कमांडो तैनात रहते हैं। 8-8 घंटे की तीन शिफ्ट में कुल 75 कमांडो सुरक्षा में लगे रहते हैं। इसके अलावा सीएम के काफिले में 5 बुलेटप्रूफ गाड़ियां, एक अपर पुलिस अधीक्षक, 7 पुलिस उपाधीक्षक, 52 निरीक्षक, 21 उपनिरीक्षक, 23 मुख्य आरक्षी और 127 आरक्षी तैनात हैं।
2017 में विधानसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में बताया गया था कि मुख्यमंत्री की सुरक्षा पर हर महीने लगभग ₹1.39 करोड़ खर्च होते हैं। इसमें NSG कमांडो की तैनाती का खर्च शामिल नहीं है। यह सुरक्षा स्तर देश में केवल कुछ ही चुनिंदा व्यक्तियों को प्रदान की जाती है।
प्रयागराज, लखनऊ और बाराबंकी पुलिस की टीमें आरोपी के ठिकानों पर लगातार छापे मार रही हैं। पुलिस अधिकारियों ने कहा है कि आरोपी को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा और उसके खिलाफ गंभीर धाराओं में कार्रवाई की जाएगी।