उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद में ब्रिटिश कालीन पुलों की जर्जर स्थिति स्थानीय लोगों के लिए संकट का कारण बन गई है। भोपा थाना क्षेत्र के निरगाजनी झाल पर बने सेंकड़ों साल पुराने पुल की हालत इतनी खराब हो गई है कि विभागीय अधिकारियों ने सुरक्षा के लिहाज से दोनों तरफ दीवार खड़ी कर पुल पर आवागमन पूरी तरह रोक दिया। इस कदम के बाद स्थानीय ग्रामीणों और वाहन चालकों को शुकतीर्थ, बसेड़ा, बरला और आसपास के क्षेत्रों तक पहुंचने में गंभीर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
स्थानीय लोगों के अनुसार, पुल के बंद होने से क्षेत्रवासियों को कई किलोमीटर लंबा मार्ग तय करना पड़ रहा है। रोजाना अपने खेतों पर जाने वाले किसानों को भी काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। पुल के कमजोर होने के चलते किसी भी समय इसके ढहने का खतरा मंडरा रहा था। यही वजह है कि लोक निर्माण विभाग ने पुल पर दोनों तरफ दीवार खड़ी कर इसे पूर्णतः बंद कर दिया।
पुल के खराब होने की शुरुआत कुछ दिन पहले हुई थी, जब एक ट्रक के गुजरने के दौरान पुल के बीच से भारी मात्रा में ईंट और मलबा नीचे गिर गया। ग्रामीणों ने इस घटना की सूचना तुरंत सिंचाई विभाग को दी थी। इसके बाद विभाग के अधिकारियों ने स्थिति का निरीक्षण किया और सुरक्षा कारणों से पुल को बंद करने का निर्णय लिया। लोक निर्माण विभाग के बेलदार दीपराज ने बताया कि पुल के मध्य से भारी मलबा गिर जाने के कारण इसे आम जनता के लिए असुरक्षित माना गया। एक्सईएन अनिल राना, एसडीओ मोनी सिंह और जेई विपिन कुमार ने निरीक्षण के बाद पुल के दोनों ओर दीवार खड़ी कर दी।
इस पुल के बंद होने से केवल ग्रामीण ही नहीं, बल्कि रोजाना शुकतीर्थ और मोरना क्षेत्र से बसेड़ा, बरला, देवबन्द और सहारनपुर जाने वाले यात्रियों को भी भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। राहत नगर, गड़वाड़ा और सिकंदरपुर गांव के किसानों को अपने खेतों तक पहुंचने में परेशानी हो रही है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर पुल जल्द मरम्मत नहीं हुआ तो क्षेत्र में आर्थिक और सामाजिक गतिविधियों पर भी असर पड़ेगा।
क्षेत्रवासियों ने यह भी बताया कि सिर्फ निरगाजनी झाल का पंचक्की पुल ही नहीं, बल्कि जर्जर स्थिति में पड़े पॉवर हाउस पुल की भी मरम्मत तत्काल की जानी चाहिए। उन्होंने शासन और प्रशासन से जल्द नए पुल के निर्माण की मांग की है ताकि ग्रामीणों और यात्रियों की रोजमर्रा की परेशानियों को कम किया जा सके।
स्थानीय अधिकारियों की लापरवाही और पुराने पुलों की जर्जर हालत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि समय रहते नवीनीकरण और मरम्मत कार्य नहीं होने से जनता को भारी परेशानी उठानी पड़ सकती है। यह मामला सिर्फ पुल तक सीमित नहीं है, बल्कि क्षेत्र के विकास और सुरक्षा के लिए भी गंभीर चुनौती बन गया है।
ग्रामीणों का कहना है कि अगर प्रशासन जल्द कदम नहीं उठाता है, तो खेती, आवागमन और व्यापार में बाधा उत्पन्न होगी। इसलिए वे मांग कर रहे हैं कि पुराने ब्रिटिश कालीन पुलों की मरम्मत और नए पुल का निर्माण शीघ्र किया जाए। इससे न केवल आम लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि क्षेत्र के सामाजिक और आर्थिक विकास में भी तेजी आएगी।