चंदौली जिले के मुग़लसराय क्षेत्र से एक अजीबोगरीब और चर्चा में आने वाली घटना सामने आई है। दरअसल, 4 जून को सैदपुरा गांव निवासी शमशेर चौहान की शादी मवई खुर्द गांव निवासी खुशी के साथ पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ संपन्न हुई थी। विवाह के बाद खुशी अपने ससुराल आई और कुछ दिन तक सामान्य वैवाहिक जीवन व्यतीत करती रही।
14 जून को शमशेर चौहान अपनी पत्नी खुशी को लेकर मुग़लसराय बाजार पहुंचा था। वहां एक चाट की दुकान पर दोनों पति-पत्नी बैठकर चाट खा रहे थे। इसी दौरान जब शमशेर दुकानदार को चाट के पैसे देने के लिए गया, तो पीछे लौटने पर देखा कि उसकी पत्नी वहां से गायब हो चुकी थी।
शमशेर ने आसपास काफी तलाश की लेकिन जब पत्नी का कुछ पता नहीं चला, तो वह सीधा मुग़लसराय कोतवाली पहुंचा और पत्नी की गुमशुदगी की तहरीर दी। पुलिस ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू की और फरार दुल्हन की तलाश में जुट गई।
लगातार प्रयासों के बाद मंगलवार को पुलिस ने खुशी को उसके प्रेमी सोनू के साथ बरामद कर लिया। पुलिस दोनों को कोतवाली ले आई और इस बात की सूचना दुल्हन के पति और मायके वालों को दी गई। सूचना मिलते ही शमशेर चौहान अपने परिवार के सदस्यों के साथ कोतवाली पहुंचा। वहां सभी पक्षों के बीच घंटों पंचायत चली, लेकिन दुल्हन खुशी अपनी बात पर अड़ी रही।
खुशी ने पुलिस और परिजनों के सामने स्पष्ट रूप से कहा कि वह बालिग है और अपनी मर्जी से प्रेमी सोनू के साथ रहना चाहती है। उसका यह भी कहना था कि वह शादी से पहले से ही सोनू को जानती थी और उसी से प्रेम करती थी। शादी उसके परिवार वालों के दबाव में की गई थी।
पुलिस ने जब खुशी की उम्र की पुष्टि की और देखा कि वह बालिग है और अपनी इच्छा से निर्णय ले रही है, तो कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए तीनों पक्षों की सहमति के बाद खुशी को उसके प्रेमी सोनू के साथ जाने की अनुमति दे दी गई।
इस संबंध में सीओ पीडीडीयू नगर राजीव सिसोदिया ने बताया कि 14 जून को पति शमशेर चौहान द्वारा पत्नी के गुमशुदा होने की तहरीर दी गई थी, जिसके आधार पर पुलिस ने कार्रवाई की। अब मामला शांतिपूर्ण तरीके से सुलझ गया है और सभी पक्षों ने इसे स्वीकार कर लिया है।
यह मामला समाज में विवाह और व्यक्तिगत पसंद-नापसंद के बीच टकराव को दर्शाता है, जहां कई बार पारिवारिक दबाव में लिए गए फैसले युवाओं की इच्छाओं से मेल नहीं खाते। खुशी का यह निर्णय सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बन गया है।