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Saharanpur : बिजली विभाग पर भड़के BJP विधायक, बोले – जनता की समस्या का समाधान नहीं हुआ तो करेंगे इलाज

Saharanpur : सहारनपुर में सर्किट हाउस में विद्युत निगम और जनप्रतिनिधियों के बीच हुई बैठक के दौरान महापौर डॉ अजय सिंह ने अपने चिर परिचित अंदाज मे अधिकारियों को कस कर लपेटा, ओर कहा कि क्या विद्युत निगम के अवर व प्रवर अभियंता मौके पर जाकर भी कभी जनता की समस्याओं की ओर ध्यान देते है

By: Desk Team  RNI News Network
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Saharanpur : बिजली विभाग पर भड़के BJP विधायक, बोले – जनता की समस्या का समाधान नहीं हुआ तो करेंगे इलाज

Saharanpur : सहारनपुर में बीजेपी विधायक राजीव गुंबर और नगर महापौर डॉ. अजय सिंह का बिजली विभाग के अधिकारियों के प्रति आक्रोशित रवैया इन दिनों चर्चा में है। घटनाक्रम उस समय शुरू हुआ जब विधायक विकास कार्यों की समीक्षा के लिए सर्किट हाउस में बैठक ले रहे थे। इसी दौरान उनकी नजर सड़क के किनारे गलत तरीके से लगे बिजली के खंभों को लेकर भी चर्चा की । उन्हें जानकारी मिली कि विभाग इन पोलों को हटाने के लिए जनता से पैसे मांग रहा है, तो वे भड़क उठे।

विधायक ने अधिकारियों को लताड़ लगाते हुए कहा कि गलती विभाग की है, तो पैसा भी विभाग को ही देना चाहिए, न कि जनता को। बात यहीं नहीं रुकी, विधायक ने अपनी जेब से 50 हजार रुपये की गड्डी निकालकर अधिकारियों के सामने पटकते हुए कहा, “कुछ तो शर्म करो… बिना पैसे तो आप लोग काम नहीं करते, इसलिए पहले से पैसे लेकर आया हूं। अगर और चाहिए तो घर से मंगवा लेना।” इस तीखी झड़प का वीडियो वायरल हो गया, जिससे विभागीय कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

बैठक में महापौर डॉ. अजय सिंह भी अधिकारीयों पर बरस पड़े। उन्होंने कहा कि विद्युत निगम के अधिकारी जनता की समस्याओं की सुध नहीं लेते। मौके पर जाकर निरीक्षण तक नहीं करते। जब भी किसी से पूछा जाता है तो जवाब मिलता है कि एक माह पहले अधिकारी आया था। महापौर ने अधिकारियों को “नॉनसेंस” तक कह दिया और चेताया कि अब केवल कागजी कार्रवाई नहीं, जमीन पर कार्य दिखना चाहिए।

बैठक में मौजूद अन्य जनप्रतिनिधियों—गंगोह विधायक कीरत सिंह, देवेंद्र निम, उमर अली खान आदि ने भी विद्युत विभाग की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जाहिर की।

यह पूरा घटनाक्रम सरकारी अधिकारियों की उदासीनता और जनप्रतिनिधियों के बढ़ते असंतोष को उजागर करता है। जनता की समस्याओं को लेकर चुने हुए जनप्रतिनिधि अब सीधे तौर पर अधिकारियों को घेरते नजर आ रहे हैं। मामला एक ओर प्रशासनिक जवाबदेही की मांग करता है, वहीं दूसरी ओर राजनीति में पब्लिक इमेज और प्रदर्शन की भी झलक दिखाता है।

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