उत्तर प्रदेश के किसानों को तकनीकी कृषि के माध्यम से नई ताकत देने के लिए सरकार ने बड़े कदम उठाए हैं। प्रदेश के 62 जिलों में 450 अत्याधुनिक कंबाइन हार्वेस्टर उपलब्ध कराए गए हैं, जिनसे फसल कटाई में किसानों को बड़ी राहत मिलेगी। ये आधुनिक कृषि यंत्र न केवल फसल की कटाई करते हैं, बल्कि थ्रेशिंग और सफाई का काम भी एक साथ करते हैं, जिससे समय की बचत होती है और फसल की गुणवत्ता एवं उपज में सुधार होता है। इससे किसानों की मेहनत कम होगी और फसलों की क्षति भी कम होगी, जिससे उनकी आमदनी में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।
योगी सरकार की इस योजना का उद्देश्य पारंपरिक खेती को वैज्ञानिक और तकनीकी संसाधनों से जोड़ना है ताकि किसानों को आधुनिक कृषि पद्धतियों से जोड़ा जा सके। इसके तहत किसानों को तकनीकी जानकारी दी जा रही है और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए समन्वित विकास योजनाएं और कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड की मदद से वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान की जा रही है। इससे न केवल खेती का स्तर सुधरेगा, बल्कि किसानों की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी।
इस योजना में महिलाओं की भूमिका भी अहम रही है। 15 जिलों में कुल 26 महिला किसानों ने कंबाइन हार्वेस्टर के संचालन और प्रबंधन की जिम्मेदारी संभाली है। यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ी सफलता मानी जा रही है। ये महिलाएं केवल खेती ही नहीं कर रही हैं, बल्कि मशीनों को चलाने और कृषि कार्यों को दक्षता से प्रबंधित करने में भी सक्षम हैं। महिलाओं की इस भागीदारी से कृषि क्षेत्र में लैंगिक समानता को भी बढ़ावा मिलेगा।
महिला किसानों की भागीदारी वाले प्रमुख जिले हैं- सिद्धार्थनगर, अमेठी, बस्ती, चित्रकूट, गोरखपुर, झांसी, कन्नौज, कानपुर नगर, कानपुर देहात, महाराजगंज, पीलीभीत, रामपुर, संत कबीर नगर, शाहजहांपुर और उन्नाव। ये जिले महिला सशक्तिकरण और तकनीकी खेती के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि प्रदेश के किसान आत्मनिर्भर बनें और वे आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर खेती में दक्षता हासिल करें। आत्मनिर्भर कृषक समन्वित विकास योजना और एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के जरिए किसानों को वित्तीय सहायता दी जा रही है ताकि वे नए कृषि उपकरण खरीद सकें और तकनीकी ज्ञान प्राप्त कर सकें। इस कदम से उत्तर प्रदेश में कृषि क्षेत्र में तकनीकी क्रांति आने की उम्मीद है।
प्रदेश के कई जिलों में इस योजना के तहत कंबाइन हार्वेस्टर बांटे गए हैं। बरेली में , महाराजगंज , फतेहपुर , पीलीभीत , रामपुर , कानपुर देहात, अलीगढ़ , चंदौली , गाजीपुर , सिद्धार्थनगर , मिर्जापुर , फिरोजाबाद , एटा , झांसी , उन्नाव , गोरखपुर , मऊ , प्रतापगढ़ , संत कबीर नगर , अंबेडकरनगर , बुलंदशहर , मुरादाबाद , अयोध्या, बांदा , बाराबंकी , रायबरेली , बलिया , कानपुर नगर , हरदोई , कन्नौज , अमेठी , आजमगढ़, वाराणसी, लखनऊ, शाहजहांपुर , सुल्तानपुर , चित्रकूट , लखीमपुर खीरी, कौशांबी , औरैया , जालौन , प्रयागराज, अमरोहा, मैनपुरी, गौतम बुद्ध नगर, मेरठ, इटावा , हाथरस , भदोही, जौनपुर , फर्रुखाबाद , मथुरा , सहारनपुर , बस्ती , देवरिया, हापुड़ , सीतापुर , सोनभद्र , ललितपुर , बिजनौर , कुशीनगर, हमीरपुर कंबाइन हार्वेस्टर दिए गए हैं।
इस पहल से न केवल प्रदेश के किसानों को खेती में आधुनिक तकनीकों का लाभ मिलेगा, बल्कि खेती की लागत भी कम होगी और फसल की गुणवत्ता बेहतर होगी। इससे किसानों की आय में वृद्धि होने की संभावना है, जो प्रदेश की आर्थिक स्थिति को मजबूती प्रदान करेगी। यह योजना कृषि क्षेत्र में नयी ऊर्जा और तकनीकी प्रगति का प्रतीक है, जो उत्तर प्रदेश को कृषि के क्षेत्र में एक नए युग में ले जाएगी।