वाराणसी के बनारस लोकोमोटिव वर्क्स (बीएलडब्ल्यू) ने सोलर पैनल के माध्यम से स्वदेशी तकनीक अपनाकर बिजली उत्पादन में नया कीर्तिमान स्थापित किया है। बीएलडब्ल्यू ने 70 मीटर लंबे सोलर पैनल से प्रतिदिन 70 यूनिट बिजली उत्पादन शुरू किया है, जो भारतीय रेल को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। खास बात यह है कि इस सोलर पैनल को जरूरत पड़ने पर हटाया और फिर लगाया जा सकता है, जिससे इसे अधिक लचीला और प्रैक्टिकल बनाया गया है।
बीएलडब्ल्यू के जनरल मैनेजर नरेश पाल सिंह के अनुसार, यह पायलट प्रोजेक्ट प्रधानमंत्री के स्वदेशी मूवमेंट को ध्यान में रखते हुए सफलतापूर्वक लागू किया गया। भविष्य में योजना यह है कि इस तकनीक से पूरी जरूरत की बिजली का उत्पादन कर बाहरी स्रोतों पर निर्भरता समाप्त की जाए। सोलर ऊर्जा न केवल भारतीय रेलवे को आत्मनिर्भर बनाएगी, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम है। वर्तमान में बीएलडब्ल्यू 4.5 मेगावाट बिजली का उत्पादन सोलर पैनल के जरिए कर रहा है, जो कुल बिजली की आवश्यकता का 20% है।
महाप्रबंधक नरेश पाल सिंह ने बताया कि 1965 में शुरू हुए बीएलडब्ल्यू में पहले डीजल इंजन बनते थे। 2017 से इलेक्ट्रिक इंजन निर्माण की शुरुआत हुई और अब यह कारखाना 472 इलेक्ट्रिक इंजन का उत्पादन कर रहा है, जो कुल इंजन का 99.5% है। शेष कम मात्रा में डीजल इंजन भी अब इको-फ्रेंडली तरीके से बनाए जा रहे हैं। रिसर्च और डेवलपमेंट विंग लगातार इस क्षेत्र में सुधार और नवाचार पर काम कर रहा है। यह प्रयास न केवल रेलवे को ऊर्जा में आत्मनिर्भर बनाएगा, बल्कि देश के स्वदेशी और टिकाऊ तकनीकी विकास को भी प्रोत्साहित करेगा।