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Bulandshahr : बुलंदशहर में अवैध नर्सिंग होम और मेडिकल सेंटरों पर भारतीय किसान यूनियन भानु का कड़ा हमला

Bulandshahr : बुलंदशहर में भारतीय किसान यूनियन भानु ने अवैध नर्सिंग होम, मेडिकल स्टोर और लैबों के खिलाफ मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया है। उन्होंने आठ दिनों में कार्रवाई न होने पर अनिश्चितकालीन धरने की चेतावनी दी है। किसान यूनियन ने स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत का आरोप लगाते हुए सख्त कदम उठाने की मांग की है

By: Desk Team  RNI News Network
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Bulandshahr : बुलंदशहर में अवैध नर्सिंग होम और मेडिकल सेंटरों पर भारतीय किसान यूनियन भानु का कड़ा हमला

भारतीय किसान यूनियन भानु के युवा जिलाध्यक्ष गौरव नागर ने जिले में अवैध नर्सिंग होम, मेडिकल स्टोर, अल्ट्रासाउंड सेंटर और पैथोलॉजी लैबों को लेकर गहरी चिंता जताई है। उनका कहना है कि ये कई स्वास्थ्य संस्थान फर्जी तरीके से संचालित हो रहे हैं, जिनका रजिस्ट्रेशन किसी और के नाम होता है लेकिन वास्तविक संचालन कुछ अन्य लोग करते हैं। इससे आम किसान, मजदूर और गरीब तबके के लोगों को सही इलाज नहीं मिल पा रहा है, क्योंकि डॉक्टर या तो वहां मौजूद नहीं हैं या उनकी फीस इतनी ज्यादा है कि गरीब वर्ग उसे वहन नहीं कर पाता।

युवा जिलाध्यक्ष गौरव नागर ने बताया कि ब्लॉक ऊंचा के गांव में छह महीने पहले एक अस्पताल फर्जी पाए जाने पर स्वास्थ्य विभाग ने उसे सीज कर दिया था, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत के चलते कुछ दिनों बाद वह फिर से संचालित होने लगा। इस मामले को लेकर भारतीय किसान यूनियन भानु ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी दिया है। यदि आठ दिनों के अंदर इस पर कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं होती है, तो नौवें दिन सीएमओ कार्यालय पर अनिश्चितकालीन धरने का आयोजन किया जाएगा।

उन्होंने विशेष रूप से प्राइवेट अस्पतालों की कमिश्नर खोरी को बंद करने की मांग की है। उनका कहना है कि जहांगीराबाद क्षेत्र में भी फर्जी अल्ट्रासाउंड सेंटर पकड़ा गया है, जिस पर अब तक स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। भारतीय किसान यूनियन भानु इस मामले में पूरी सतर्कता से काम कर रही है और यदि प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया तो वह खुद ही इन अवैध अस्पतालों और सेंटरों को बंद कराने में सक्रिय हो जाएगी।

गौरव नागर ने यह भी बताया कि जिले के कई इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति बहुत खराब है। कई अस्पतालों में डॉक्टर नहीं आते हैं या यहां आने वाले डॉक्टर फीस इतनी वसूलते हैं कि गरीब मरीज उनके पास इलाज कराने में असमर्थ हैं। ऐसे में अवैध नर्सिंग होम और मेडिकल सेंटरों का बढ़ना स्वास्थ्य सेवा व्यवस्था की विफलता को दर्शाता है।

भारतीय किसान यूनियन भानु ने प्रशासन से अनुरोध किया है कि वह तत्काल इन अवैध संस्थानों की जांच कराए और जो भी दोषी पाए जाएं, उन पर कड़ी कार्रवाई हो। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर इन अस्पतालों और सेंटरों की जांच में स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत सामने आती है, तो उस विभाग के भी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।

किसानों और गरीब जनता के हित में यह आवश्यक है कि वे उचित और किफायती स्वास्थ्य सेवाएं पा सकें। इसके लिए सरकार और प्रशासन को चाहिए कि वे फर्जी अस्पतालों, मेडिकल स्टोर और लैबों पर रोक लगाएं और सरकारी अस्पतालों की सुविधाओं को बेहतर बनाएं ताकि लोग असल इलाज के लिए सरकारी अस्पतालों पर निर्भर रह सकें।

भारतीय किसान यूनियन भानु ने बुलंदशहर के प्रशासन से यह भी कहा है कि अगर आगामी दिनों में स्वास्थ्य विभाग ने इन अवैध अस्पतालों पर कोई कार्रवाई नहीं की, तो वे जिले में बड़े पैमाने पर आंदोलन करने को मजबूर होंगे। गौरव नागर ने चेतावनी दी कि वह किसानों के साथ मिलकर स्वास्थ्य सेवा सुधार के लिए हरसंभव कदम उठाएंगे।

इस मामले में स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग का रवैया भी अब सबकी नजरों में है। जिम्मेदार अधिकारी इस बात का जवाब देने के लिए बाध्य होंगे कि आखिर अवैध नर्सिंग होम और मेडिकल सेंटरों को खुला क्यों रखा गया और क्या कार्रवाई की जा रही है।

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