उत्तर प्रदेश में 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक तापमान तेज हो चुका है। एक ओर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ युवाओं की उम्मीदों को ध्यान में रखते हुए बड़े पैमाने पर नौकरियों की घोषणाएं कर रहे हैं, वहीं समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने इन घोषणाओं को चुनावी नौटंकी बताया है।
70 हजार से अधिक पदों पर भर्ती की तैयारी
बीते 15 दिनों में यूपी सरकार ने विभिन्न विभागों में बड़े पैमाने पर नियुक्तियों का रास्ता खोल दिया है। पुलिस, PCS, होमगार्ड और अन्य विभागों में हजारों पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की जा रही है।
मुख्य भर्तियाँ
इन सभी भर्तियों के साथ कुल पदों की संख्या लगभग 70,000 के करीब पहुंच रही है। माना जा रहा है कि इन परीक्षाओं के परिणाम और ज्वाइनिंग 2026 के अंत तक पूरी हो सकती है। भाजपा नेताओं का दावा है कि “योगी राज में योग्यता के आधार पर भर्ती हो रही है, बिना भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार के।”
सपा ने बताया चुनावी स्टंट, महिला मतदाताओं को साधने की कोशिश
इसके जवाब में समाजवादी पार्टी ने भाजपा की भर्तियों को चुनावी चाल बताया है। पीडीए (PDA) में ‘A’ यानी “आधी आबादी” को केंद्र में रखकर अखिलेश यादव महिला सशक्तिकरण पर जोर दे रहे हैं।
सपा का रुख
सपा नेताओं का आरोप है कि भाजपा केवल ₹2000 देकर महिलाओं को भ्रमित कर रही है और नौकरियों का वादा हर चुनाव से पहले करती है।
कांग्रेस का वार – ‘हर चुनाव में रोजगार का जुमला’
कांग्रेस नेता सुरेंद्र राजपूत ने कहा- “भाजपा हर चुनाव से पहले नौकरियों का ढोल पीटती है। 2014 में 2 करोड़ रोजगार का वादा और 2022 में 50 लाख नौकरियां कहकर भूल गई। पुलिस भर्ती छोड़ दें तो कितनी भर्तियां हुईं?” कांग्रेस ने चेतावनी दी कि 2027 में जनता जवाब देगी।
राजनीतिक समीकरण बदला: ‘M-Y’ नहीं, अब ‘महिला-यूथ’ फॉर्मूला
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यूपी में पारंपरिक MY (मुस्लिम-यादव) समीकरण की जगह अब नया “M-Y यानी महिला और यूथ” निर्णायक बन रहा है। 2024 में बेरोज़गारी बड़ा मुद्दा था। भाजपा इसे संतुलित करने के लिए युवाओं तक सकारात्मक संदेश भेज रही है। वहीं महिलाएं बिहार की तरह यूपी में भी निर्णायक भूमिका निभाने वाली हैं।”
युवाओं की राय – स्वागत भी, सवाल भी
युवाओं ने नौकरियों की घोषणा का स्वागत तो किया, पर साथ ही यह भी कहा कि-