1. हिन्दी समाचार
  2. अथॉरिटी की बात
  3. Noida: सावधान! साइबर ठगों की नई चाल – जल आपूर्ति विभाग के नाम पर भेजे जा रहे फर्जी नोटिस

Noida: सावधान! साइबर ठगों की नई चाल – जल आपूर्ति विभाग के नाम पर भेजे जा रहे फर्जी नोटिस

Noida: उत्तर प्रदेश में साइबर अपराधियों ने जल आपूर्ति विभाग का नाम लेकर फर्जी WhatsApp मैसेज और नोटिस भेजने की नई चाल अपनाई है। इन मैसेज में कहा जाता है कि यदि पिछले महीने का जल बिल रात 9:30 बजे तक जमा नहीं किया गया तो जल सेवा काट दी जाएगी, साथ ही "श्री देवेश जोशी" नाम के व्यक्ति से संपर्क करने को कहा जाता है। इसके साथ संदिग्ध फाइल भी भेजी जा रही है, जिसमें जल विभाग का प्रतीक चिन्ह दुरुपयोग किया गया है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि ये सभी सूचनाएं फर्जी हैं और जल विभाग ऐसी कोई कार्रवाई नहीं करता। लोगों से अनुरोध किया गया है कि वे ऐसे मैसेज, लिंक या फाइल को न खोलें, न जवाब दें और संदिग्ध संदेश पुलिस को रिपोर्ट करें। इस मामले में FIR दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।

By: Desk Team  RNI News Network
Updated:
Noida: सावधान! साइबर ठगों की नई चाल – जल आपूर्ति विभाग के नाम पर भेजे जा रहे फर्जी नोटिस

उत्तर प्रदेश में साइबर अपराधियों ने एक नई और खतरनाक योजना शुरू की है, जिसमें वे जल आपूर्ति विभाग का नाम लेकर फर्जी WhatsApp मैसेज और नोटिस भेज रहे हैं। इन संदेशों के जरिए लोगों को भ्रमित कर उनका निजी डेटा चुराने और ठगी करने का प्रयास किया जा रहा है। इस बढ़ती हुई साइबर धोखाधड़ी के मामले ने जनता में चिंता बढ़ा दी है और प्रशासन ने इस पर सख्त चेतावनी जारी की है।

हाल ही में मिली जानकारी के अनुसार, कई नागरिकों को ऐसे संदेश प्राप्त हुए हैं, जिसमें दावा किया गया है कि यदि उन्होंने पिछले महीने का जल बिल जमा नहीं किया तो उनकी जल सेवा काट दी जाएगी। इस संदेश में यह भी लिखा गया है कि रात 9:30 बजे तक बिल अपडेट न करने पर तत्काल जल कनेक्शन काट दिया जाएगा। साथ ही “श्री देवेश जोशी” नाम के एक व्यक्ति से संपर्क करने का निर्देश भी दिया गया है। इस तरह के मैसेज के साथ एक संदिग्ध फाइल भी भेजी जा रही है, जो जल विभाग के आधिकारिक प्रतीक चिन्ह (DP/Logo) का दुरुपयोग कर लोगों को भरोसा दिलाने का प्रयास करती है।

सरकार और जल विभाग ने स्पष्ट किया है कि यह पूरी कार्रवाई फर्जी है और विभाग की ओर से इस तरह के कोई भी नोटिस या मैसेज नहीं भेजे जाते। यह साइबर ठगों की एक सुनियोजित चाल है, जिसके माध्यम से वे लोगों को डराकर या भ्रमित करके उनकी संवेदनशील जानकारी जैसे बैंक विवरण, पासवर्ड, OTP आदि प्राप्त करने की कोशिश करते हैं, ताकि वे धन की ठगी कर सकें।

इस घोटाले से बचने के लिए जनता से अपील की गई है कि वे ऐसे किसी भी मैसेज, लिंक या फाइल को न खोलें और न ही इस पर कोई प्रतिक्रिया दें। किसी भी संदिग्ध नंबर से आने वाले संदेश को तत्काल नजदीकी पुलिस थाने या साइबर सेल को रिपोर्ट करें। प्रशासन ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए संबंधित थानों में FIR दर्ज कर जांच शुरू कर दी है और साइबर अपराधियों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए कड़ी मेहनत जारी है।

साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्रकार के धोखाधड़ी वाले मैसेजों से बचने के लिए नागरिकों को हमेशा सतर्क रहना चाहिए। उन्हें केवल आधिकारिक स्रोतों से ही सूचना प्राप्त करनी चाहिए और कभी भी अपने व्यक्तिगत बैंकिंग या अन्य संवेदनशील डेटा को अनजान लिंक या संदेशों के माध्यम से साझा नहीं करना चाहिए। अगर किसी को जल आपूर्ति विभाग से संबंधित कोई नोटिस मिलता है, तो वे विभाग के आधिकारिक कार्यालय या वेबसाइट से पुष्टि जरूर करें।

इस प्रकार की साइबर ठगी की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं और आम जनता को इनके प्रति सचेत रहना बेहद आवश्यक है। सरकारी विभागों की ओर से भी निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं ताकि इन धोखाधड़ी के मामलों को रोका जा सके और जनता की सुरक्षा सुनिश्चित हो। इस संदर्भ में जल विभाग ने भी लोगों को जागरूक करने के लिए विभिन्न माध्यमों से सूचना अभियान चलाया है।

अंत में यह कहना उचित होगा कि साइबर अपराधियों से बचाव के लिए सावधानी, सतर्कता और जागरूकता ही सबसे बड़ी सुरक्षा कवच है। हर नागरिक को चाहिए कि वे इस प्रकार की धोखाधड़ी से बचें और अपनी डिजिटल सुरक्षा को प्राथमिकता दें ताकि वे साइबर ठगों के जाल में न फंसे।

इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें गूगल न्यूज़, फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...