अयोध्या में भगवान रामलला पांच वर्षीय बालक के रूप में विराजमान हैं, और भीषण गर्मी को देखते हुए उनकी सेवा में विशेष प्रबंध किए गए हैं। दो बड़े कूलर मंदिर परिसर में लगाए गए हैं, ताकि भगवान को गर्म हवाओं से बचाया जा सके। भगवान को रोजाना भोग में दही, मौसमी फलों का जूस और मधुपर्क अर्पित किया जा रहा है।
रामलला को पांच बार मधुपर्क की सेवा दी जाती है। मधुपर्क – जो देशी घी, शुद्ध दही और मधु को मिलाकर बनाया जाता है – भगवान को विशेष रूप से प्रिय है। मंदिर के मुख्य अर्चक के अनुसार, यह भोग गर्मी के मौसम में बालक राम के स्वास्थ्य और रुचियों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया जाता है।
भगवान रामलला को गर्मी से राहत देने के लिए हल्के रेशमी और सूती वस्त्र पहनाए जा रहे हैं। इसके साथ ही सेवा में उपयोग किए जा रहे पुष्प जैसे बेला, गुलाब, चंपा और जूही आदि, वातावरण को शीतलता प्रदान करते हैं। विशेष रूप से शीतल जल की व्यवस्था भी की गई है, ताकि मंदिर परिसर में ठंडक बनी रहे।
अयोध्या के भव्य राम मंदिर के प्रथम तल पर 23 मई को राम दरबार की प्रतिमाएं स्थापित की जाएंगी। इनमें भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण और हनुमान जी शामिल होंगे। वहीं 3 से 5 जून तक राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा का भव्य उत्सव आयोजित किया जाएगा। श्रद्धालुओं के लिए विशेष पास सिस्टम लागू होगा, जिसमें एक घंटे में केवल 50 श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति होगी।
शेषावतार मंदिर में 30 मई को लक्ष्मण जी की मूर्ति की स्थापना की जाएगी। राम मंदिर के भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने जानकारी दी कि परकोटा और सप्त मंदिरों में भी मूर्ति स्थापना का कार्य शुरू हो चुका है। राम दरबार और शेषावतार की स्थापना मंदिर निर्माण के अगले महत्वपूर्ण चरण हैं।