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उत्तर प्रदेश : मायावती पर विवादित बयान बसपा में टिकट बिक्री के आरोप से गरमाई सियासत

उत्तर प्रदेश : एक नेता द्वारा बसपा सुप्रीमो मायावती पर टिकट बेचने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं, जिसमें दावा किया गया कि पार्टी में टिकट सबसे अधिक पैसे देने वाले को दिया जाता है। बयान के अनुसार, टिकट के लिए करोड़ों की बोली लगती है। इस आरोप से यूपी की राजनीति गरमा गई है। बसपा की ओर से फिलहाल कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।

By: Desk Team  RNI News Network
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उत्तर प्रदेश : मायावती पर विवादित बयान बसपा में टिकट बिक्री के आरोप से गरमाई सियासत

उत्तर प्रदेश की सियासत में एक बार फिर हलचल मच गई है। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती को लेकर एक विवादित बयान सामने आया है, जिसमें उन पर पार्टी में टिकट देने के बदले मोटी रकम वसूलने का आरोप लगाया गया है। यह बयान एक नेता द्वारा सार्वजनिक रूप से दिए जाने के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है। इस बयान में दावा किया गया कि बसपा में टिकट पैसे के आधार पर बेचे जाते हैं और जो जितनी ज्यादा बोली लगाता है, उसे टिकट मिल जाता है।

नेता ने आरोप लगाया कि मायावती टिकट देने में पारदर्शिता नहीं बरततीं। उन्होंने कहा, “अगर कोई एक करोड़ रुपए में टिकट लेता है और उसके एक घंटे बाद कोई दो करोड़ लेकर आता है, तो टिकट उसी को दे दिया जाता है। और यदि शाम तक कोई तीन करोड़ रुपये लेकर पहुंचता है, तो वही टिकट पाने वाला बन जाता है।” इस तरह के बयान ने बसपा की छवि पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

यह बयान ऐसे समय में आया है जब प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। चुनावी माहौल में ऐसे आरोपों का सामने आना स्वाभाविक रूप से एक बड़ी रणनीति के तहत देखा जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह बयान सियासी एजेंडे का हिस्सा हो सकता है, जिसका उद्देश्य बसपा की साख को कमजोर करना है।

हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब बसपा पर पैसे लेकर टिकट देने के आरोप लगे हैं। पूर्व में भी कई चुनावों के दौरान ऐसे आरोप विभिन्न स्तरों से लगाए जाते रहे हैं, लेकिन पार्टी ने उन्हें हमेशा नकारा है और खुद को साफ-सुथरी राजनीति की पक्षधर बताया है। इस बार भी बसपा की ओर से कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन राजनीतिक हलकों में यह उम्मीद की जा रही है कि पार्टी इस मामले को नजरअंदाज नहीं करेगी और अपनी स्थिति स्पष्ट करेगी।

विपक्ष ने इस बयान को लोकतंत्र के लिए दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसे आरोप सही हैं तो यह जनता के साथ धोखा और चुनाव प्रणाली के साथ मजाक है। कुछ विपक्षी नेताओं ने यह भी मांग की है कि इस मुद्दे की गंभीरता से जांच होनी चाहिए और अगर आरोपों में सच्चाई है तो जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

दूसरी ओर, बसपा समर्थकों का कहना है कि यह एक साजिश है, जो मायावती की लोकप्रियता और उनके वोट बैंक को कमजोर करने के इरादे से की जा रही है। वे मानते हैं कि पार्टी के खिलाफ ऐसे झूठे आरोप चुनाव से पहले ही राजनीतिक लाभ के लिए उछाले जाते हैं।

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