उत्तर प्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्था में एक महत्वपूर्ण बदलाव के तहत राज्य सरकार ने चार वरिष्ठ IAS अधिकारियों को अपर मुख्य सचिव (ACS) पद पर पदोन्नत कर दिया है। यह फैसला उत्तर प्रदेश की नौकरशाही में अनुभवी नेतृत्व को उच्च दायित्व सौंपने के उद्देश्य से लिया गया है। प्रमुख सचिव पद पर कार्यरत ये अधिकारी अब राज्य प्रशासन में और अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए अपने नाम के आगे ‘अपर मुख्य सचिव’ (ACS) का प्रयोग कर सकेंगे।
इस क्रम में जिन चार अधिकारियों को पदोन्नत किया गया है, उनमें आईएएस एल वेंकटेश्वर लू, बीएल मीणा, नरेन्द्र भूषण और अनुराग श्रीवास्तव शामिल हैं। इन चारों अधिकारियों ने अपनी सेवाओं के दौरान विभिन्न विभागों में उल्लेखनीय कार्य किया है और सरकार की प्राथमिकताओं को धरातल पर उतारने में अहम भूमिका निभाई है।
IAS एल वेंकटेश्वर लू वर्तमान में उत्तर प्रदेश के हाउसिंग और शहरी नियोजन विभाग में कार्यरत हैं। उन्होंने नगरीय विकास, स्मार्ट सिटी योजनाओं और आवास परियोजनाओं में राज्य को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
IAS बीएल मीणा एक अनुभवी अधिकारी हैं, जिन्होंने राजस्व और सहकारिता जैसे संवेदनशील विभागों में उल्लेखनीय सेवाएं दी हैं। उनकी प्रशासनिक दक्षता और निर्णय क्षमता के चलते उन्हें यह पदोन्नति दी गई है।
IAS नरेन्द्र भूषण वर्तमान में ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के सीईओ हैं। उन्होंने औद्योगिक विकास और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में कई योजनाओं को गति देने का काम किया है। उनकी पहल पर ही ग्रेटर नोएडा में निवेश को बढ़ावा देने वाली कई योजनाएं धरातल पर उतरी हैं।
IAS अनुराग श्रीवास्तव, जो पूर्व में राज्य के कई विभागों में सचिव और प्रमुख सचिव के रूप में कार्य कर चुके हैं, वे वर्तमान में भी कई अहम दायित्व संभाल रहे हैं। संचार, सूचना और जनसंपर्क जैसे विभागों में उन्होंने अपनी सक्रिय भूमिका निभाई है।
सरकार की ओर से जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि ये चारों अधिकारी अब अपने आधिकारिक दस्तावेजों और पत्राचार में “अपर मुख्य सचिव” का उल्लेख कर सकते हैं। यह प्रमोशन न केवल उनकी वरिष्ठता और कार्यकुशलता का सम्मान है, बल्कि उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से बेहतर प्रशासनिक ढांचे की ओर एक और कदम माना जा रहा है।
इस प्रशासनिक फैसले से यह संकेत मिलता है कि योगी सरकार अनुभवी अफसरों पर भरोसा जताते हुए राज्य की विकास योजनाओं को तेज गति से आगे बढ़ाना चाहती है। प्रमोशन पाए इन अधिकारियों से अब और अधिक नीतिगत मार्गदर्शन और जमीनी क्रियान्वयन की अपेक्षा की जा रही है।