Shravasti : श्रावस्ती जिले में प्रशासन ने जर्जर विद्यालयों को लेकर सख्त रुख अपनाया है। हरिहरपुररानी के प्राथमिक विद्यालय जौगढ़ की छत पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी थी, जिससे बच्चों की जान को खतरा था। इसी को देखते हुए PWD, लघु सिंचाई विभाग और ग्रामीण अभियंत्रण विभाग (RED) की रिपोर्ट के आधार पर विद्यालय को ध्वस्त कर दिया गया।
वित्तीय वर्ष 2024–25 के अंतर्गत अब तक 53 विद्यालयों को जर्जर स्थिति के कारण गिराया जा चुका है। दूसरे चरण में स्थलीय सत्यापन की प्रक्रिया जारी है, जिसमें 30 से अधिक भवनों को चिन्हित किया गया है। इन पर भी शीघ्र कार्रवाई की जाएगी।
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि बच्चों की सुरक्षा उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता है, और इस विषय में कोई लापरवाही अक्षम्य होगी। सभी स्कूलों, मदरसों और आंगनबाड़ी केंद्रों का सेफ्टी ऑडिट कराया जा रहा है। जिन भवनों को असुरक्षित पाया जाएगा, उनका संचालन तत्काल बंद कर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर जिला और ब्लॉक स्तर पर निरीक्षण समितियां गठित की गई हैं। यह समितियां स्थल निरीक्षण के आधार पर मरम्मत या ध्वस्तीकरण की संस्तुति देंगी।
डीएम अजय कुमार द्विवेदी ने जनसामान्य से अपील की है कि यदि किसी गांव, वार्ड या नगर पंचायत में जर्जर विद्यालय, मदरसा या आंगनबाड़ी केंद्र हो, तो इसकी सूचना जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को दें। शिक्षकों से भी अनुरोध किया गया है कि वे किसी भी परिस्थिति में बच्चों को जर्जर भवनों में न बैठाएं।