उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों के भुगतान में देरी को लेकर योगी सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए तीन प्रमुख चीनी मिलों – गोला, पलिया और खंभारखेड़ा – के खिलाफ वसूली प्रमाण पत्र जारी कर दिए हैं। इन तीनों मिलों पर कुल ₹876.73 करोड़ का बकाया है, जिसे अब भू-राजस्व की तरह वसूला जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव वीणा कुमारी ने कार्रवाई की पहल की। कई बार चेतावनी और नोटिस के बाद भी इन मिलों ने भुगतान नहीं किया, जिससे मजबूर होकर प्रशासन को यह कदम उठाना पड़ा।
गन्ना विभाग के अनुसार,
● गोला चीनी मिल पर ₹375.70 करोड़
● पलिया चीनी मिल पर ₹250.02 करोड़
● खंभारखेड़ा चीनी मिल पर ₹251.01 करोड़ का बकाया है।
लखीमपुर के पलिया में आयोजित एक सार्वजनिक कार्यक्रम में विधायक रोमी साहनी ने मुख्यमंत्री के समक्ष बजाज यूनिट की ओर से भुगतान न होने का मामला जोर से उठाया था, जिसके बाद मामले ने और गंभीरता पकड़ी।
गन्ना विभाग के अनुसार, पेराई सत्र 2024-25 में प्रदेश की 122 चीनी मिलों में से
● 51 मिलों ने किसानों को शत-प्रतिशत भुगतान कर दिया है।
● 34 अन्य मिलों ने 84% से अधिक भुगतान किया है।
राज्य स्तर पर गन्ना मूल्य भुगतान की प्रतिदिन समीक्षा हो रही है और भविष्य में लापरवाही पर दंडात्मक कार्यवाही की चेतावनी दी गई है।
प्रशासन का कहना है कि अब कोई भी मिल अगर भुगतान में कोताही बरतती है तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। किसानों को उनका पूर्ण बकाया समय पर मिले, इसके लिए सरकार विशेष अभियान भी चलाएगी। मुख्यमंत्री योगी ने स्पष्ट किया है कि “किसानों के साथ अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।” इस फैसले से हजारों किसानों को राहत मिलने की उम्मीद है।