सहजनवा ब्लॉक का पूरा स्वास्थ्य विभाग उस समय कटघरे में खड़ा हो गया, जब अपर निदेशक स्वास्थ्य जयंत कुमार ने बिना किसी पूर्व सूचना के पाली ब्लॉक स्थित सीएचसी पाली ठर्रापार पर औचक निरीक्षण कर दिया। निरीक्षण शुरू होते ही अस्पताल परिसर से लेकर ओपीडी, लेबर रूम, रजिस्टर, रेन बसेरा, शौचालय और बायोकेमेस्ट्री लैब तक में हड़कंप मच गया।
अधूरी व्यवस्थाएँ, बेतरतीब रिकॉर्ड
अधूरी व्यवस्थाएँ, बेतरतीब रिकॉर्ड और बदहाल सुविधाएँ देखकर अधिकारी भड़क उठे और संबंधित विभागों को साफ चेतावनी दे डाली- काम समय पर पूरा करो… नहीं तो कड़ी कार्रवाई के लिए तैयार रहो!”
लेकिन सबसे बड़ा भंडाफोड़ तो तब हुआ जब टीम ने आरोग्य मंदिरों पर आरोग्य मेलों की हकीकत जानने पहुंची- ताला खुला मिला… पर ‘आरोग्य मेला’ गायब! निरीक्षण में सामने आया कि आरोग्य मंदिर तो खुले मिले, लेकिन कहीं भी आरोग्य मेला आयोजित नहीं था।
ग्रामीणों ने भी बिना झिझक बताकर बड़ा पर्दाफाश कर दिया- यहाँ कभी रविवार को कोई मेला नहीं लगता… सब कागज़ों में खेल है। ग्रामीणों के सीधे आरोपों ने स्वास्थ्य विभाग की उस पूरी कार्यप्रणाली को उजागर कर दिया, जो हर रविवार आरोग्य मेला आयोजित करने का दावा करती है। स्पष्ट है- मेले सिर्फ फाइलों में लग रहे थे, ज़मीन पर नहीं।
बड़ा सवाल यह है कि…
क्या स्वास्थ्य विभाग कागज़ों में मेले दिखाकर खानापूर्ति कर रहा है? निरीक्षण में यह साफ हो गया कि अधिकारी केवल कागज़ी मेलों के सहारे रिपोर्टें चमका रहे थे, धरातल पर न मेले हैं, न स्वास्थ्य सेवाएँ, और न ही किसी कार्रवाई का नामोनिशान। जवाबदेही से बचने की गुंजाइश अब खत्म—कागज़ी व्यवस्था की कलई खुल चुकी है।
फर्जी अस्पतालों व पैथोलॉजी पर भी बड़ी कार्रवाई की तैयारी
अपर निदेशक ने यह भी स्वीकार किया कि पाली, ठर्रापार, घघसरा बाजार और समधीया इलाके में मानकविहीन फर्जी प्राइवेट अस्पताल, पैथोलॉजी और क्लीनिक धड़ल्ले से चल रहे हैं। इसके लिए विशेष टीम गठित कर दी गई है और जल्द ही बड़े स्तर पर कार्रवाई होने जा रही है।
सहजनवा में स्वास्थ्य विभाग की कागज़ी व्यवस्था का गुब्बारा फूट चुका है ज़मीन पर न सिस्टम, न सेवा… सिर्फ फाइलों का खेल! अब जवाब देने की बारी अधिकारियों की है।