उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के फुटिया गांव में एक चौंकाने वाली और हृदयविदारक घटना सामने आई है, जहां एक ही परिवार के सात बच्चे जहरीली सब्जी खाने के बाद गंभीर रूप से बीमार हो गए। मामला सदर कोतवाली क्षेत्र का है। जानकारी के अनुसार, बच्चों ने गलती से गोबर पर उगी मशरूम जैसी एक जंगली सब्जी को खा लिया, जिसे उन्होंने अपने स्तर पर पकाकर खाया। सब्जी खाने के कुछ ही समय बाद सभी बच्चों को उल्टी और पेट दर्द की शिकायत होने लगी, जिससे पूरे गांव में हड़कंप मच गया।
परिवार वालों का कहना है कि बच्चों ने अपने स्तर पर पार्टी का आयोजन किया था। इसी दौरान उन्हें गोबर पर उगी एक अज्ञात सब्जी दिखी, जिसे उन्होंने मशरूम समझकर तोड़ लिया। बच्चों ने बिना किसी बड़े की जानकारी के उस सब्जी को पकाया और भोजन के रूप में सेवन कर लिया। यह सब्जी जहरीली थी, जिसका असर कुछ ही समय में दिखने लगा। खाना खाने के बाद बच्चों की तबीयत अचानक बिगड़ गई। उन्हें उल्टी होने लगी, पेट में मरोड़ और चक्कर आने लगे।
घटना की जानकारी मिलते ही परिजन घबराकर बच्चों को तत्काल जिला अस्पताल ले गए। डॉक्टरों ने सभी का प्राथमिक उपचार शुरू किया और बताया कि विषैली सब्जी के सेवन से फूड पॉइजनिंग की स्थिति उत्पन्न हुई है। सभी बच्चों की हालत गंभीर बताई गई है, लेकिन समय पर अस्पताल लाए जाने से फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है। जिला अस्पताल प्रशासन ने बताया कि बच्चों की उम्र 2 साल से लेकर 10 साल तक है। बीमार बच्चों में दो वर्षीय बच्ची, तीन लड़कियां और तीन लड़के शामिल हैं।
घटना के बाद गांव में भय का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि यह पहली बार है जब बच्चों ने इस तरह से अपने मन से खाना बनाया और खाया। हालांकि, यह घटना एक बहुत बड़ी चेतावनी बनकर सामने आई है कि बिना जानकारी और निगरानी के बच्चों को जंगली सब्जियों या अज्ञात खाद्य पदार्थों से दूर रखना चाहिए।
सदर कोतवाली पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। विषैली सब्जी का सैंपल भी जांच के लिए भेजा गया है ताकि यह स्पष्ट किया जा सके कि वह कौन सा पौधा या फंगस था जिससे बच्चों की तबीयत इतनी खराब हुई। वहीं, डॉक्टरों ने अभिभावकों को सलाह दी है कि बच्चों को किसी भी अज्ञात खाद्य पदार्थ से दूर रखें और खाने से पहले किसी जानकार व्यक्ति से उसकी पहचान की पुष्टि अवश्य करें।
यह घटना न केवल उस परिवार के लिए, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए एक सीख बन गई है कि सावधानी ही बचाव है, विशेषकर तब जब बच्चों की सेहत और जीवन दांव पर हो। प्रशासन ने भी अपील की है कि ग्रामीण क्षेत्र के लोग अपने बच्चों को इस तरह की गलती से बचाने के लिए सतर्कता बरतें।Rural Health