उत्तर प्रदेश की बहुचर्चित 69000 सहायक शिक्षक भर्ती में कथित आरक्षण घोटाले को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में महत्वपूर्ण सुनवाई होने जा रही है। आरक्षण प्रावधानों के उल्लंघन के आरोपों पर यह सुनवाई दोपहर 12 बजे से शुरू होगी।
आज की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की जिस बेंच के सामने होगी, उसमें जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस ए.जी. मसीह शामिल हैं। आरक्षण विसंगतियों को लेकर हजारों अभ्यर्थियों की नजर इस सुनवाई पर टिकी है।
इस भर्ती मामले को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 7 दिसंबर 2020 को 13 याचिकाओं के अंतिम निर्णय के अधीन माना था। इसके बाद कई स्तरों पर सुनवाई हुई, लेकिन मामला लगातार जटिल होता गया।
13 अगस्त 2024 को लखनऊ हाई कोर्ट की डबल बेंच ने एक बड़ा फैसला सुनाते हुए शिक्षक भर्ती में तैयार की गई मूल सूची को आरक्षण घोटाला करार दिया था। अदालत ने कहा था कि:
भर्ती में आरक्षण प्रावधानों का सही पालन नहीं किया गया
सूची को फिर से मूल चयन सूची के रूप में आरक्षण नियमों के अनुसार तैयार किया जाए
याचिकाकर्ताओं के अनुसार, भर्ती में बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 और आरक्षण नियमावली 1994 का गंभीर उल्लंघन हुआ है। आंकड़े बताते हैं कि-
ओबीसी को 27% की जगह सिर्फ 3.86% आरक्षण मिला
एससी को 21% की जगह सिर्फ 16.2% आरक्षण दिया गया
आरक्षण की इस विसंगति को अभ्यर्थी ‘घोटाला’ बताकर न्याय की मांग करते रहे हैं।
आरक्षण प्रभावित अभ्यर्थियों ने उत्तर प्रदेश सरकार से मांग की है कि-
सुप्रीम कोर्ट में याची लाभ दिया जाए
आरक्षण व्यवस्था के सही अनुपालन के साथ भर्ती प्रक्रिया का जल्द निस्तारण किया जाए
अभ्यर्थियों का कहना है कि वे वर्षों से न्याय की प्रतीक्षा कर रहे हैं और सरकार को इस मामले में संवेदनशीलता दिखाते हुए समाधान निकालना चाहिए।