उत्तर प्रदेश सरकार ने आकांक्षात्मक जनपदों और विकास खंडों की ग्राउंड रियलिटी जानने के लिए 116 वरिष्ठ अधिकारियों को फील्ड दौरे पर भेजने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर यह कदम उठाया गया है, जिसका उद्देश्य राज्य के पिछड़े क्षेत्रों में योजनाओं के क्रियान्वयन और सुधार को नजदीक से परखना है। इसमें 08 प्रमुख सचिव/सचिव स्तर के अधिकारी 8 आकांक्षात्मक जनपदों का और 108 विशेष सचिव 108 विकास खंडों का 3 दिवसीय स्थलीय निरीक्षण करेंगे।
नीति आयोग द्वारा संचालित आकांक्षात्मक विकास खंड कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के 108 विकास खंडों ने उल्लेखनीय सुधार दर्ज किया है। मार्च 2025 की प्रगति रिपोर्ट के अनुसार, 24 इंडिकेटर्स में राज्य औसत से बेहतर प्रदर्शन किया गया है। 3 इंडिकेटर्स में सभी 108 विकास खंडों का प्रदर्शन राज्य औसत से ऊपर रहा, जबकि कम प्रदर्शन वाले क्षेत्रों की संख्या में भी गिरावट आई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए सतत निगरानी और माइक्रो प्लानिंग के निर्देश दिए।
स्वास्थ्य, पोषण और शिक्षा के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश के बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, चंदौली, सोनभद्र, श्रावस्ती और फतेहपुर जैसे जनपद देश के टॉप-10 आकांक्षात्मक जिलों में शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, वित्तीय समावेशन और कौशल विकास श्रेणी में सिद्धार्थनगर ने राष्ट्रीय स्तर पर 5वां स्थान प्राप्त किया है। यह राज्य सरकार के योजनागत प्रयासों और ज़मीनी क्रियान्वयन की सफलता को दर्शाता है।
मुख्यमंत्री ने आकांक्षात्मक विकास खंडों में तैनात सीएम फेलो की जवाबदेही और कार्यक्षमता पर विशेष जोर देते हुए उनकी साप्ताहिक मॉनिटरिंग और कार्यकाल की समाप्ति पर रैंकिंग तैयार करने के निर्देश दिए हैं। सरकार इनके प्रदर्शन के आधार पर उन्हें शासकीय सेवा में वेटेज देने की योजना पर भी काम कर रही है।
समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए कि बीडीओ, सीडीओ, चिकित्साधिकारी, खंड शिक्षाधिकारी, पशु चिकित्साधिकारी जैसे पदों को जल्द से जल्द भरा जाए। इसके अलावा, वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के लिए राज्य स्तरीय और जनपद स्तरीय बैंकर्स कमेटी की नियमित बैठकें आयोजित करने का निर्देश भी दिया गया है।