Site icon UP की बात

Kushinagar : नारायणी नदी तटबंधों के मरम्मत कार्य में लापरवाही, भ्रष्टाचार पर उठे सवाल

गोरखपुर मंडल के कुशीनगर जिले से बहने वाली नारायणी नदी मानसून के समय हर साल विकराल रूप धारण कर हजारों एकड़ फसल और उपजाऊ भूमि को तबाह कर देती है। सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग इसके लिए हर साल करोड़ों रुपये का बजट स्वीकृत करता है, मरम्मत और तटबंध सुदृढ़ीकरण के टेंडर जारी होते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि कार्यों में भ्रष्टाचार और लापरवाही का बोलबाला है।

यूपी की बात की टीम ने जब भैंस मंदिर बंदे पर निरीक्षण किया तो पाया कि आनन-फानन में काम चल रहा है और अभी सिर्फ 30% मरम्मत ही पूरी हुई है, जबकि बाढ़ का खतरा सिर पर मंडरा रहा है। कार्य की गुणवत्ता भी सवालों के घेरे में है। सूत्रों के मुताबिक, कुशीनगर जिले में वर्षों से जमे अभियंता एम.के. सिंह और ठेकेदारों की मिलीभगत से मरम्मत कार्यों में घोर अनियमितताएं हो रही हैं। लोग पूछ रहे हैं कि शासन इनका तबादला क्यों नहीं कर रहा, ताकि लंबे समय से बने भ्रष्ट नेटवर्क टूट सकें।

गोरखपुर के बाढ़ खंड-2 में सहायक अभियंता जेपी सिंह की निगरानी में भी कार्य 0 से 30% ही पूरा हो पाया है, जबकि नेपाल कुछ ही दिनों में लाखों क्यूसेक पानी छोड़ने वाला है, जिससे नारायणी नदी का जलस्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच सकता है। अगर मरम्मत अधूरी रही तो कमजोर ठोकर टूटकर भीषण बाढ़ का कारण बन सकते हैं।

ग्रामीण इलाकों में निगरानी कम होने का फायदा उठाकर ठेकेदार और अभियंता आपस में मिलीभगत कर करोड़ों रुपये डकार जाते हैं। पूर्व जिला पंचायत सदस्य संदीप श्रीवास्तव ने भी कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जीरो टॉलरेंस नीति के बावजूद सिंचाई विभाग के अधिकारी लापरवाही बरत रहे हैं। उन्होंने मांग की कि भ्रष्ट अभियंताओं और ठेकेदारों पर जल्द कार्रवाई हो, वरना ग्रामीणों में उबाल और बढ़ेगा।

स्थानीय किसानों का कहना है कि मानसून आने पर हर बार मरम्मत कार्य अधूरा ही रहता है, जिससे उनकी फसलें और घर बर्बाद हो जाते हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर इस बार भी कार्य समय पर पूरा नहीं हुआ तो वे आंदोलन करेंगे।

अब सवाल यह है कि सिंचाई विभाग मरम्मत और ठोकर सुदृढ़ीकरण का काम कब तक पूरा करेगा, और उसकी गुणवत्ता कितनी टिकेगी। मुख्यमंत्री की सख्त जीरो टॉलरेंस नीति की परीक्षा इस बाढ़ सीजन में एक बार फिर होने वाली है। ग्रामीणों की उम्मीदें शासन पर टिकी हैं कि इस बार उनके हितों से खिलवाड़ न हो और बाढ़ से पहले ठोकर और तटबंध पूरी मजबूती से तैयार रहें।

Exit mobile version