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Bahraich : कटान प्रभावित ग्राम जानकीनगर का जिलाधिकारी और एसपी ने किया निरीक्षण

बहराइच जिले के तहसील महसी अंतर्गत ग्राम जानकीनगर में सरयू नदी के कारण हो रहे तीव्र कटान की समस्या को लेकर जिलाधिकारी मोनिका रानी और पुलिस अधीक्षक रामनयन सिंह ने हाल ही में स्थलीय निरीक्षण किया। इस निरीक्षण के दौरान उन्होंने नदी के किनारे लगभग 1 किलोमीटर लंबाई में हो रहे कटान की गंभीर स्थिति का जायजा लिया। अधिशासी अभियंता सरयू ड्रेनेज खण्ड-प्रथम वर्मा ने बताया कि कटान की प्रक्रिया तीव्र गति से चल रही है, जिससे स्थानीय लोगों के घर, खेत और जमीन खतरे में हैं। उन्होंने बताया कि कटान रोकने के लिए विभागीय कार्य प्रगति पर है।

जिलाधिकारी मोनिका रानी ने कहा कि कटान को रोकने के लिए युद्ध स्तर पर काम करना आवश्यक है। उन्होंने टीमों की संख्या बढ़ाने और कार्य को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए। साथ ही, तहसीलदार विकास कुमार और खंड विकास अधिकारी हेमंत यादव को कटान प्रभावित परिवारों के रहने और भोजन का उचित प्रबंध करने के भी आदेश दिए गए। इस दौरान डीएम और एसपी ने प्रभावित परिवारों से मिलकर उनकी समस्याएं सुनीं और बच्चों को फल वितरित कर उनका हौसला बढ़ाया।

सरयू नदी के इस हिस्से में कटान की समस्या लंबे समय से बनी हुई है, लेकिन हाल के वर्षों में यह तेजी से बढ़ी है। ग्राम जानकीनगर सहित आसपास के गांवों के कई परिवार विस्थापित हो चुके हैं। खेती की जमीन भी कटान के कारण कम हो रही है, जिससे ग्रामीणों की आजीविका प्रभावित हो रही है। इस गंभीर स्थिति के बावजूद जिला प्रशासन ने कटान रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं।

जिलाधिकारी ने अधिकारियों को कहा कि न केवल कटान को रोका जाए, बल्कि प्रभावित परिवारों के पुनर्वास और राहत कार्यों को भी प्राथमिकता दी जाए। साथ ही, प्रशासन प्रभावितों को कटान से बचाव और सुरक्षा की जानकारी उपलब्ध कराएगा। कटानरोधी कार्यों में नदी के किनारों पर मजबूत बांध बनाना, पत्थरबाजी और पेड़-पौधे लगाने जैसे उपाय शामिल हैं, ताकि मिट्टी के कटाव को रोका जा सके।

स्थानीय प्रशासन ने बताया कि नदी के प्रवाह को नियंत्रित करने के प्रयास भी जारी हैं, जिससे कटान की तीव्रता कम हो सके। इससे आने वाले समय में जानकीनगर और आसपास के क्षेत्रों में कटान की समस्या पर काफी हद तक नियंत्रण पाया जा सकेगा।

जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक का यह निरीक्षण प्रशासन की सक्रियता और संवेदनशीलता को दर्शाता है। उन्होंने प्रभावित परिवारों के साथ निरंतर संपर्क बनाए रखने और उनकी समस्याओं का समाधान करने का संकल्प लिया है। भविष्य में कटानरोधी कार्यों को तेज करने के साथ-साथ प्रभावित लोगों के पुनर्वास में भी तेजी लाई जाएगी।

यह पहल बहराइच जिले में स्थानीय प्रशासन की जिम्मेदारी और जनता के प्रति संवेदनशीलता का उदाहरण है। प्राकृतिक आपदाओं से निपटने में प्रशासन की सक्रियता ग्रामीण इलाकों की सुरक्षा और विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है। इस मामले में जिला प्रशासन ने अपने कर्तव्य की पूरी गंभीरता से पालन कर एक सकारात्मक संदेश दिया है।

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