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Lucknow : सीएम योगी ने की संस्कृति विभाग की समीक्षा बैठक,‘नौसेना शौर्य संग्रहालय’ की प्रस्तुति का अवलोकन किया और संग्रहालय के शीघ्र निर्माण के दिए निर्देश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर आहूत संस्कृति विभाग की समीक्षा बैठक में राजधानी लखनऊ में ‘नौसेना शौर्य संग्रहालय’ की प्रस्तुति का अवलोकन किया तथा संग्रहालय के शीघ्र निर्माण के निर्देश दिए।मुख्यमंत्री ने कहा कि यह संग्रहालय भारतीय नौसेना की अदम्य शौर्यगाथाओं और हिन्द महासागर क्षेत्र में भारत की सामुद्रिक क्षमता का जीवन्त प्रतीक बनेगा। समुद्र भारत की सभ्यता के मंथन का केन्द्र रहा है, और भारतीय नौसेना उस गौरवशाली परम्परा की आधुनिक अभिव्यक्ति है। लखनऊ का यह संग्रहालय उसी परम्परा को जन-जन तक पहुँचाने का माध्यम बनेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि संग्रहालय को केवल देखने योग्य नहीं बल्कि ’अनुभव का केन्द्र’ बनाया जाए, जहाँ दर्शक इतिहास को महसूस कर सकें। उन्होंने निर्देश दिए कि डिस्प्ले में डिजिटल, इण्टरएक्टिव और इमर्सिव तकनीकों का प्रयोग हो, ताकि लोग नौसेना के अभियानों, युद्ध और तकनीकी प्रगति का प्रत्यक्ष अनुभव कर सकें। उन्होंने नौसेना संग्रहालय में छत्रपति शिवाजी महाराज के विषय में आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराए जाने के निर्देश भी दिए।बैठक में बताया गया कि संग्रहालय का स्वरूप एक जहाज के रूप में होगा। जहाज की रेलिंग, पोर्थोल जैसी खिड़कियाँ, नौसैनिक वास्तुकला और समुद्री प्रतीकों के साथ इसे विशिष्ट पहचान दिए जाने की योजना है। परिसर में इण्टरप्रिटेशन सेण्टर, सेण्ट्रल डेक, ओपन एयर मेमोरियल, थीमैटिक वॉक-वे, प्रदर्शनी गैलरी, फाउण्टेन और लाइट-एण्ड-साउण्ड एरिना शामिल होंगे। संग्रहालय के डिजाइन को ऊर्जा-संवेदनशील रखा गया है, जिसमें प्राकृतिक रोशनी, वेण्टिलेशन और हरित निर्माण तकनीक का उपयोग किया जाएगा।

प्रस्तुति में बताया गया कि परियोजना दो प्रमुख हिस्सों में विकसित हो रही है। पहली-‘आईएनएस गोमती शौर्य स्मारक’ और दूसरी-‘नौसेना शौर्य वाटिका’। ‘आईएनएस` गोमती (एफ-21)’ गोदावरी श्रेणी का स्वदेशी मिसाइल फ्रिगेट है, जिसने 34 वर्षों तक भारतीय नौसेना में सेवाएं दी और ‘ऑपरेशन कैक्टस’, ‘ऑपरेशन पराक्रम’ जैसे अभियानों में भाग लिया। इसे संरक्षित कर संग्रहालय परिसर में प्रदर्शित किया जाएगा, ताकि नागरिक और युवा इसकी बहादुरी की कहानी को प्रत्यक्ष देख सकें।मुख्यमंत्री ने ‘नौसेना शौर्य वाटिका’ को परियोजना का विशेष आकर्षण बताते हुए इसे शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह वाटिका युवाओं को आधुनिक नौसैनिक अभियानों और प्रौद्योगिकी से जोड़ने वाला सजीव अनुभव स्थल बनेगी। इस वाटिका में टीयू-142 विमान, जो 29 वर्षों तक समुद्री निगरानी और आपदा राहत अभियानों में सक्रिय रहा, स्थापित किया जा रहा है। साथ ही, सी किंग एसके42बी हेलीकॉप्टर की प्रदर्शनी भी प्रस्तावित है।

बैठक में बताया गया कि संग्रहालय परिसर में 7-डी थिएटर, एयरक्राफ्ट कैरियर लैण्डिंग सिम्युलेटर, वॉरशिप सिम्युलेटर, सबमर्ज्ड द्वारका मॉडल, डिजिटल वॉटर स्क्रीन शो, मरीन लाइफ एक्वेरियम तथा ‘ड्रेस लाइक योर हीरोज़’ जैसी सहभागितापरक गतिविधियाँ होंगी। इसके अतिरिक्त नौसेना के वीरता पुरस्कारों, ऐतिहासिक अभियानों और स्वदेशी रक्षा नवाचारों से जुड़ी इण्टरएक्टिव गैलरियाँ भी विकसित की जाएंगी। परियोजना की निगरानी हेतु महानिदेशक पर्यटन की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है, जिसमें मेरिटाइम हेरिटेज सोसाइटी, यूपी प्रोजेक्ट्स कॉर्पोरेशन और नौसेना के विशेषज्ञ सम्मिलित हैं।मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इस परियोजना के माध्यम से उत्तर प्रदेश में समुद्री गौरव की वह चेतना पुनः जागृत होगी, जो कभी भारत के तटीय व्यापार और हिन्द महासागर की सांस्कृतिक कड़ी रही है। उन्होंने कहा कि लखनऊ का यह संग्रहालय भारतीय नौसेना की वीरता का ही नहीं, बल्कि भारत की समुद्री आत्मा का भी प्रतीक बनेगा। यह संग्रहालय उत्तर प्रदेश को राष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर एक नई व गौरवपूर्ण पहचान देगा।

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