उत्तर प्रदेश के बिजनौर जनपद में गंगा बैराज रावली तटबंध हाल ही में बड़ी चुनौती से गुज़रा। 1984 में निर्मित इस बैराज से रावली तक का अपलेक्स बांध आसपास के गांवों को गंगा के पानी से बचाता है। लेकिन 7 सितंबर को तटबंध के किलोमीटर 6 के पास अचानक कटान शुरू हुआ। यह कटान बढ़ते-बढ़ते करीब 800 मीटर तक पहुंच गया और तटबंध पर बनी पक्की सड़क का बड़ा हिस्सा बह गया। इस स्थिति ने स्थानीय लोगों और प्रशासन की चिंता बढ़ा दी।
रविवार से ही अधिकारियों ने तटबंध को बचाने के प्रयास शुरू कर दिए। बिजनौर जिला प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को तुरंत अवगत कराया। इसके बाद लखनऊ से सिंचाई विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, नेशनल हाईवे की टीम और आसपास के जिलों के अधिकारी मौके पर पहुंचे। स्थिति से निपटने में स्थानीय ग्रामीणों ने भी अहम भूमिका निभाई। उन्होंने ट्रैक्टर-ट्राली और मशीनरी के माध्यम से लगातार सहयोग दिया।
निरीक्षण के लिए पहुंचे जल शक्ति एवं सिंचाई मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने ग्रामीणों और अधिकारियों का आभार जताया। उन्होंने कहा कि जनता जनार्दन और जनप्रतिनिधियों के सहयोग से ही इस बड़े संकट को टाला जा सका। मंत्री ने स्पष्ट किया कि गंगा तटबंध जैसे क्षेत्रों में आग, पानी और भूकंप जैसी चुनौतियां बनी रहती हैं, लेकिन सरकार पूरी ईमानदारी से काम कर रही है और करेगी।
उन्होंने बताया कि भविष्य में बांध को स्थायी रूप से सुरक्षित करने के लिए नई परियोजनाएं तैयार की जाएंगी। इसमें सिल्ट की सफाई, धारा मोड़ने और ड्रेजिंग जैसे कार्य शामिल होंगे ताकि पानी की धाराओं से तटबंध को नुकसान न पहुंचे। इसके लिए तीन वरिष्ठ अधिकारियों और एक प्रमुख सचिव को विशेष रूप से नियुक्त किया जाएगा।
मंत्री ने कहा कि यह बांध क्षेत्र के लिए बेहद महत्वपूर्ण है और पहली बार यहां कटान की स्थिति बनी। लेकिन योगी सरकार की सक्रियता, अधिकारियों की तत्परता और स्थानीय जनता की मेहनत से इसे बचाया जा सका। उन्होंने भरोसा दिलाया कि आगामी परियोजनाओं के जरिए बांध को और अधिक मजबूत बनाया जाएगा ताकि भविष्य में किसी तरह का संकट न उत्पन्न हो।