Site icon UP की बात

150 Years Of Vande Mataram : ‘वंदे मातरम’ राष्ट्र की सामूहिक चेतना – CM योगी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वंदे मातरम’ गीत की 150वीं वर्षगांठ पर इसे राष्ट्र की सामूहिक चेतना का प्रतीक बताते हुए कहा कि यह केवल गायन भर नहीं, बल्कि कर्तव्यों की अभिव्यक्ति और राष्ट्र सर्वोपरि की भावना का संदेश है।

लखनऊ के लोकभवन में आयोजित विशेष कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हम अक्सर अपने अधिकारों की बात करते हैं, लेकिन कर्तव्यों पर उतना ध्यान नहीं देते। उन्होंने कहा कि पिछले आठ वर्षों में उत्तर प्रदेश ने कर्तव्य पथ पर चलकर नई ऊंचाइयों को छुआ है और यह परिवर्तन कर्तव्यबोध की भावना का परिणाम है।

इतिहास, महामारी और राष्ट्रीय चेतना का संबंध

मुख्यमंत्री ने ऐतिहासिक संदर्भ देते हुए कहा कि करीब 100 वर्ष पहले महामारी में भारत ने भारी संकट झेला था। लेकिन आज, विशेषकर कोरोना काल में, भारत ने वैश्विक स्तर पर उत्कृष्ट प्रबंधन का परिचय दिया। उन्होंने इसे ‘वंदे मातरम’ की भावना से जोड़ते हुए कहा कि यह गीत व्यक्ति को मत-मजहब से ऊपर उठकर राष्ट्रहित में कार्य करने की प्रेरणा देता है।

राष्ट्रगीत की मान्यता और आज की आवश्यकता

सीएम योगी ने याद दिलाया कि 1950 में ‘वंदे मातरम’ को राष्ट्रगीत की मान्यता दी गई थी। यह गीत स्वतंत्रता संग्राम के दौरान एकता और संघर्ष का मंत्र बना और आज भी नई राष्ट्रीय चेतना का संचार करता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह गीत केवल गायन नहीं, बल्कि कर्तव्यबोध का आह्वान है, जो हमें सिखाता है कि राष्ट्र सर्वोपरि है।

युवा पीढ़ी में राष्ट्रभावना मजबूत करने की अपील

कार्यक्रम में सामूहिक ‘वंदे मातरम’ का गायन किया गया। मुख्यमंत्री ने अपील की कि स्कूलों, कॉलेजों और सार्वजनिक स्थानों पर इस गीत को नियमित रूप से गाया जाए, ताकि युवा पीढ़ी में राष्ट्रप्रेम, कर्तव्यभावना और एकता की भावना और अधिक मजबूत हो सके।

Exit mobile version