फिरोजाबाद शहर में सोमवार दोपहर हुई 20 मिनट की मूसलाधार बारिश ने गर्मी से राहत तो जरूर दी, लेकिन साथ ही नगर निगम की तैयारियों की पोल खोलकर रख दी। बारिश शुरू होते ही शहर के कई इलाकों में जलभराव की स्थिति बन गई और सड़कें पानी में डूब गईं। जिस स्मार्ट सिटी का दावा नगर निगम बार-बार करता है, वही दावा महज कुछ मिनटों की बारिश में दम तोड़ता नजर आया।
शहर के प्रमुख स्थानों जैसे घंटाघर रोड, मेडिकल कॉलेज के सर्विस रोड, कोटला रोड, जलेसर रोड, नगर निगम कार्यालय, रेलवे स्टेशन रोड और कई रिहायशी कॉलोनियों में पानी भर गया। इससे न केवल यातायात बाधित हुआ बल्कि स्थानीय लोगों और दुकानदारों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। सबसे शर्मनाक स्थिति तो तब देखने को मिली जब खुद नगर निगम कार्यालय के बाहर पानी भर गया, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि नालों की सफाई और जल निकासी की व्यवस्था महज कागजों पर ही रह गई है।
घंटाघर रोड पर दुकान चलाने वाले हरीश कुमार ने नाराजगी जताते हुए कहा, “नगर निगम स्मार्ट सिटी की बात करता है, लेकिन खुद के दफ्तर में पानी रोकने की व्यवस्था तक नहीं है।” उन्होंने यह भी कहा कि शहर में हर साल बरसात से पहले नाले साफ करने के दावे किए जाते हैं, लेकिन असलियत हर बार बारिश में सामने आ जाती है।
एक अन्य दुकानदार आयुष खुराना ने बताया, “महज 20 मिनट की बारिश में ही सड़कें तालाब बन गईं। ऐसा लग रहा था जैसे नालों की कभी सफाई हुई ही नहीं। फिरोजाबाद के लोगों को नगर निगम सिर्फ सब्जबाग दिखा रहा है, हकीकत में सुविधाएं शून्य हैं।”
नगर निगम की लापरवाही से परेशान लोगों ने सोशल मीडिया पर वीडियो और तस्वीरें साझा कर अधिकारियों को घेरा। लोग पूछ रहे हैं कि अगर इतनी कम बारिश में यह हाल है तो जब मूसलाधार बारिश लगातार होगी, तब शहर का क्या हाल होगा? क्या नगर निगम ने बरसात से पहले कोई तैयारी की थी या सब कुछ कागज़ी खानापूर्ति तक सीमित था?
स्मार्ट सिटी मिशन के तहत करोड़ों रुपये खर्च किए जा चुके हैं, लेकिन जल निकासी जैसी बुनियादी समस्याओं का हल अब तक नहीं निकल पाया है। सड़कें जलमग्न होने से न सिर्फ लोगों की आवाजाही प्रभावित हुई बल्कि दुकानों और घरों में पानी घुसने से आर्थिक नुकसान भी हुआ।
फिरोजाबाद शहर के लोगों का यह भी कहना है कि प्रशासन केवल पोस्टर, विज्ञापन और उद्घाटन तक सीमित है। जमीनी स्तर पर काम नहीं किया जा रहा है। लोग लगातार यही मांग कर रहे हैं कि नगर निगम को अब दिखावे से निकलकर ज़मीनी हकीकत पर काम करना होगा।