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Prayagraj: संगम तट के तीरे प्रदीप मिश्रा ने सुनाई सुंदर शिव कथा

Prayagraj: Pradeep Mishra narrated the beautiful Shiva story from Sangam bank

Prayagraj: Pradeep Mishra narrated the beautiful Shiva story from Sangam bank

कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्र ने आज मंगलवार को प्रयागराज के माघ मेले में शिव भक्तों को कथा सुनाई। बता दें कि दो दिवसीय कथा के दूसरे दिन उनकी कथा सुनने के लिए लाखों की संख्या में शिवभक्त सतुआ बाबा के शिविर में पहुंच गए हैं। जहाँ शिव कथा के दौरान लोगों ने उनसे कई सवाल भी किए जिसका बड़े ही ज्ञानवर्धक रूप से पंडित प्रदीप ने जवाब दिए।

उन्होंने कथा सुनाते हुए कहा कि व्यक्ति कठिन परिश्रम को अपना हथियार बनाकर बड़े से बड़े उपलब्धियों को पा सकता है और अपनी मेहनत और काबिलियत के आधार पर वह व्यक्ति डॉक्टर, इंजीनियर, सीए व अन्य बड़े पदों पर भी आसीन हो सकता है। परंतु ध्यान रहे कि हर डिग्री से बड़कर एक और डिग्री होती है जिसे नम्रता की डिग्री कहा जाता है। यदि नम्रता की डिग्री नहीं है तो सभी डिग्री आपकी बेकार हैं। उन्होंने आगे कथा में बताया कि नम्रता की डिग्री देवों के देव महादेव के पास है।

हँसते-हँसते पी गए संसार के लिए जहर

मिश्र ने कहा कि ब्रह्मा जी ब्रह्मलोक में, विष्णु जी बैकुंठ-लोक में और देवताओं के राजा इंद्र, इंद्रलोक में निवास करते हैं लेकिन केवल अराध्य देव, देवों के देव महादेव भगवान शिव शंकर तो कैलाश पर्वत पर निवास करते हैं। सबसे बड़ी पद्वी पर होने के बावजूद भी अहम का नामों-निशान तक नहीं है वे बिल्कुल सरल, सहज और भोले स्वाभाव के हैं और भगवान विष्णु के ध्यान में रहते हैं।

उन्होंने आगे बताया कि जब देवताओं ने मंथन किया तब इस मंथन में अमृत मिलने पर उसे खुद के पास रख लिया पर जो विष मिला उसे भगवान शिव को दे दिया। जिसे भगवान शिव ने बिना नराज हुए मुस्कुराते हुए स्वीकार कर लिया। क्योंकि उन्हें यह पता है कि वे वहाँ सबसे बड़े हैं और परिवार का बड़ा यानी मुखिया तो परिवार के लिए किसी भी खतरे से लड़ सकता है।

वहीं कथा वाचक प्रदीप मिश्र ने श्रोताओं से अपील करते हुए कहा कि भगवान शिव की तरह हमें विनम्र होना चाहिए। फिलहाल अभी उनकी कथा चल रही है।

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