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Lucknow: उत्तर प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र शुरू, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की सकारात्मक चर्चा की अपील

उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा परिसर में मीडिया से बातचीत की और सत्र को सफल एवं सार्थक बनाने की अपील की। उन्होंने पक्ष और विपक्ष, दोनों ही दलों के विधायकों से कहा कि सभी सकारात्मक चर्चा करें, जिससे राज्य के विकास को गति मिल सके। सीएम ने विपक्ष को चेतावनी दी कि यदि वे अनावश्यक व्यवधान और नकारात्मक राजनीति करेंगे, तो जनता की अदालत में उन्हें जवाब देना पड़ेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा, “हम सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार हैं। यूपी विधानमंडल देश का सबसे बड़ा विधानमंडल है, जहां जनता और राज्य के विकास से जुड़े मुद्दों पर विचार-विमर्श होता है। पिछले आठ से साढ़े आठ वर्षों में विधानमंडल ने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं।”

सीएम योगी ने बताया कि इस बार का सत्र खास महत्व रखता है, क्योंकि इसमें जनता से जुड़े मुद्दों पर, 25 करोड़ की आबादी की आकांक्षाओं को पूरा करने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण एजेंडा रखा गया है। उन्होंने कहा कि बाढ़, बारिश से हुए जलजमाव, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसे विषयों पर विस्तार से चर्चा होगी। साथ ही सरकार द्वारा इन मुद्दों पर किए गए कार्यों और उपलब्धियों को भी सदन के सामने रखा जाएगा।

सीएम ने यह भी बताया कि सत्र की शुरुआत के साथ ही जीरो आवर में सदस्य अपने प्रश्न रख सकेंगे और अपनी बात रख पाएंगे। इसके अलावा, बाढ़ और जलजमाव जैसे मौसमी मुद्दों के साथ-साथ स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में सरकार की नीतियों एवं योजनाओं पर भी चर्चा होगी।

गौरतलब है कि यूपी विधानसभा का यह सत्र 11 अगस्त से 14 अगस्त 2025 तक चलेगा। इस दौरान 13 और 14 अगस्त को लगातार 24 घंटे तक विधानसभा की कार्यवाही चलेगी, जिसमें राज्य का ‘विजन डॉक्यूमेंट’ पेश किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सत्र उत्तर प्रदेश के भविष्य की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और सभी सदस्यों को इसमें सक्रिय भागीदारी करनी चाहिए।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विश्वास जताया कि सभी सदस्य सकारात्मक और रचनात्मक चर्चा के माध्यम से जनता के हित में निर्णय लेंगे। उन्होंने कहा कि विकास और जनकल्याण से जुड़े मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श से ही राज्य को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया जा सकता है। यह सत्र न केवल सरकार की नीतियों की समीक्षा का अवसर देगा, बल्कि आगे की योजनाओं और प्राथमिकताओं को भी स्पष्ट करेगा।

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