अलीगढ़, उत्तर प्रदेश, 16 जून 2025: उत्तर प्रदेश का ऐतिहासिक शहर अलीगढ़ एक बार फिर नाम परिवर्तन की मांग को लेकर चर्चा में आ गया है। हाल ही में नगर निगम और जिला पंचायत की बैठक में सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पारित किया गया कि अलीगढ़ का नाम बदलकर ‘हरिगढ़’ रखा जाए। यह प्रस्ताव अब उत्तर प्रदेश सरकार को भेजा गया है, और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस पर अंतिम निर्णय की उम्मीद जताई जा रही है।
अलीगढ़ के जिला पंचायत अध्यक्ष विजय श्योराज सिंह ने इस प्रस्ताव को रखते हुए कहा कि भारत में विदेशी आक्रांताओं के काल में स्थानों के नाम बदलने की जो परंपरा शुरू हुई, वह आज भी हमारी सांस्कृतिक पहचान को प्रभावित कर रही है। अलीगढ़ का नाम भी उन्हीं नामों में एक है, जिसे ऐतिहासिक तथ्यों और सांस्कृतिक मूल्यों की अनदेखी करते हुए बदला गया था। विजय सिंह ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस विषय पर उनकी बातचीत हो चुकी है और उन्हें आश्वासन दिया गया है कि सरकार इस प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार करेगी।
प्रस्ताव में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि “हरिगढ़” नाम क्षेत्र की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान को बेहतर तरीके से दर्शाता है। अलीगढ़ प्राचीन काल से ही धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण स्थल रहा है। “हरि” नाम भगवान विष्णु का प्रतीक है और “गढ़” का अर्थ है किला या नगर। इस दृष्टिकोण से ‘हरिगढ़’ नाम अधिक उपयुक्त और भारतीय परंपराओं के अनुरूप माना जा रहा है।
नगर निगम की बैठक में इस नाम परिवर्तन प्रस्ताव को सभी पार्षदों और सदस्यों का समर्थन प्राप्त हुआ। इसका कारण यह है कि अलीगढ़ को अब उसकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान के अनुसार पहचान दिलाई जाए, जो विदेशी शासकों की दी हुई पहचान से मुक्त हो।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार इससे पहले भी फैजाबाद को अयोध्या, इलाहाबाद को प्रयागराज, मुगलसराय को पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर और अलीगंज को आर्यनगर जैसे कई नामों में बदलाव कर चुकी है। इन बदलावों को भारतीय सांस्कृतिक पुनर्जागरण की दिशा में कदम माना गया है। ऐसे में अलीगढ़ का नाम बदलने का यह प्रस्ताव भी योगी सरकार के विजन के अनुरूप माना जा रहा है।
हालांकि, विपक्षी दल इस प्रकार के नाम परिवर्तन को वास्तविक विकास के मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश करार दे रहे हैं। समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और कुछ स्थानीय संगठन इसे “राजनीतिक स्टंट” बता रहे हैं और मांग कर रहे हैं कि सरकार नाम बदलने की बजाय मूलभूत सुविधाओं जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार पर ध्यान केंद्रित करे।
अब देखना यह होगा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी सरकार इस प्रस्ताव को मंजूरी देकर अलीगढ़ को ‘हरिगढ़’ बनाने की घोषणा करते हैं या नहीं। यदि यह प्रस्ताव स्वीकृत होता है, तो अलीगढ़ का इतिहास एक नए अध्याय की ओर बढ़ेगा और यह देश में नाम परिवर्तन की कड़ी में एक और महत्वपूर्ण कदम माना जाएगा।