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Bundelkhand : सीएम योगी का 9 जुलाई को जालौन दौरा, नून नदी पुनर्जीवन परियोजना का करेंगे निरीक्षण

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 9 जुलाई को बुंदेलखंड के जालौन जिले का दौरा करेंगे, जिसे लेकर जिला प्रशासन में तैयारियों का दौर तेज हो गया है। प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों की कई दौर की बैठकें हो चुकी हैं, ताकि मुख्यमंत्री के दौरे को सफल बनाया जा सके। इस बार मुख्यमंत्री का कार्यक्रम कोंच तहसील के ग्राम सतोह में प्रस्तावित है, जहां वे विलुप्त हो चुकी नून नदी के पुनर्जीवन कार्य का निरीक्षण करेंगे।

गौरतलब है कि नून नदी का अस्तित्व लगभग खत्म हो गया था और इसकी धारा खेतों में मिलकर गायब हो गई थी। जिलाधिकारी राजेश पाण्डेय के नेतृत्व में प्रशासन और क्षेत्रीय जनता के सहयोग से नदी को पुनर्जीवित करने की ऐतिहासिक पहल की गई। लगभग 9 किलोमीटर लंबे क्षेत्र में नदी की तलहटी को फिर से खोदकर उसकी जलधारा बहाल की गई। यह काम न केवल तकनीकी दृष्टि से चुनौतीपूर्ण था, बल्कि सामाजिक सहयोग की दृष्टि से भी एक मिसाल बन गया।

जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने भी कुछ दिन पहले नून नदी पर हुए कार्यों का निरीक्षण किया था और प्रशासन की तारीफ की थी। माना जा रहा है कि जलशक्ति मंत्री के सकारात्मक फीडबैक के बाद ही मुख्यमंत्री के इस दौरे की पुष्टि हुई। जिला प्रशासन ने मुख्यमंत्री के हेलीपैड की जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग को सौंपी है, जबकि सुरक्षा और अन्य व्यवस्थाओं को लेकर पुलिस और प्रशासन ने मिलकर रोडमैप तैयार किया है। शुक्रवार को आयुक्त और पुलिस उपमहानिरीक्षक ने मौके का स्थलीय निरीक्षण भी किया और अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री के दौरे के दौरान नून नदी की पुनर्जीवित धारा का बारीकी से निरीक्षण किया जाएगा। साथ ही, इसके भविष्य में सतत प्रवाह और संरक्षण के लिए मुख्यमंत्री कुछ अहम दिशा-निर्देश भी दे सकते हैं। यह परियोजना जल संरक्षण और नदी पुनर्जीवन के क्षेत्र में एक उदाहरण मानी जा रही है, और इसके पीछे जिलाधिकारी का मजबूत संकल्प, प्रशासनिक सक्रियता और आम जनता का सहयोग प्रमुख कारक रहे हैं।

नून नदी को फिर से जीवंत करने की यह पहल पर्यावरण संरक्षण और जल संकट के समाधान के लिए एक प्रेरक मॉडल बन सकती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इस दौरे से उम्मीद की जा रही है कि वे इस परियोजना को और मजबूती देने के लिए नई योजनाओं की घोषणा भी कर सकते हैं।

मुख्यमंत्री का यह दौरा विकास कार्यों और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को भी रेखांकित करता है। इसके अलावा, प्रशासन और जनता के सामूहिक प्रयासों का सम्मान करते हुए मुख्यमंत्री उनके हौसले को भी बढ़ा सकते हैं।जलशक्ति मंत्री की सक्रिय भूमिका और मुख्यमंत्री की गहरी रुचि से यह साफ जाहिर होता है कि उत्तर प्रदेश सरकार नदियों के संरक्षण, पुनर्जीवन और पर्यावरण के संतुलन के लिए गंभीर प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री का यह निरीक्षण भविष्य में राज्य की अन्य नदियों के संरक्षण के लिए भी दिशा तय कर सकता है।

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