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Lucknow: खनन क्षेत्र को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बड़ी समीक्षा बैठक

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश की एक ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के लक्ष्य में खनन क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका है। यह अब केवल खनिज उत्पादन का साधन न रहकर आर्थिक प्रगति, निवेश संवर्धन और स्थानीय रोजगार का सशक्त केंद्र बन चुका है। मुख्यमंत्री अपने आवास पर भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग की समीक्षा बैठक में बोले कि पारदर्शिता और तकनीकी दक्षता की बदौलत प्रदेश की खनन नीति लगातार मजबूत हो रही है। वित्तीय वर्ष 2021-22 से 2024-25 तक खनिज राजस्व में 18% वार्षिक वृद्धि दर्ज हुई है। वर्ष 2024-25 में 608.11 करोड़ रुपये और 2025-26 में मई तक ही 623 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है, जो इस क्षेत्र की प्रगति और विभागीय दक्षता का प्रमाण है।

मुख्यमंत्री को जानकारी दी गई कि फॉस्फोराइट, लौह अयस्क और स्वर्ण जैसे खनिजों की सफल नीलामी हुई है। उन्होंने कम्पोजिट लाइसेंस प्रक्रिया को और तेज करने, संभावित क्षेत्रों की पहचान तथा भू-वैज्ञानिक रिपोर्टों की समयबद्ध तैयारी के निर्देश दिए। जेएसडब्ल्यू, अडानी, टाटा स्टील, अल्ट्राटेक सीमेंट जैसी कंपनियां प्रदेश में निवेश को लेकर रुचि दिखा रही हैं। मुख्यमंत्री ने स्टेट माइनिंग रेडीनेस इंडेक्स में कैटेगरी-ए रैंकिंग सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने बताया कि 100% माइन सर्विलांस सिस्टम लागू है और पर्यावरणीय स्वीकृतियों की अवधि में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।

अवैध खनन, परिवहन व भंडारण पर रोक के लिए ट्रांसपोर्टरों के सहयोग से निगरानी तंत्र को मजबूत करने के निर्देश दिए गए। मुख्यमंत्री ने कहा, नदी के कैचमेंट एरिया में किसी भी सूरत में खनन की अनुमति नहीं दी जाएगी और उल्लंघन पर जिम्मेदारी तय होगी। विभाग ने बताया कि 57 तकनीक-सक्षम चेकगेट्स स्थापित हुए हैं, 21,477 वाहन काली सूची में डाले गए हैं, जबकि व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम, कलर कोडिंग, व्हाइट टैगिंग जैसी व्यवस्थाएं प्रभावी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, मानक जीपीएस युक्त वाहनों को ही खनिज परिवहन की अनुमति मिले और उन्हें वीटीएस मॉड्यूल से रीयल टाइम ट्रैक किया जाए।

ड्रोन सर्वेक्षण और पीजीआरएस प्रयोगशाला से 99 संभावित क्षेत्रों की पहचान हुई है, जिनमें 23 खनन योग्य पाए गए। मानसून बाद 52 क्षेत्रों में बालू/मौरंग भंडार का मूल्यांकन भी किया गया है। उन्होंने संचालित पट्टों की निगरानी और वॉल्यूमेट्रिक विश्लेषण में तेजी लाने को कहा। ईंट भट्ठों से 2024-25 में 258.61 करोड़ रुपये और 2025-26 में अब तक 70.80 करोड़ रुपये का राजस्व मिला है। मुख्यमंत्री ने ईंट भट्ठा संचालकों को तकनीकी नवाचारों से जोड़ने पर भी जोर दिया।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि उपखनिजों के नए पट्टों की प्रक्रिया मानसून में पूरी कर ली जाए ताकि 15 अक्टूबर से खनन कार्य समय से शुरू हो सके। साथ ही, जिला खनन निधि का उपयोग आंगनबाड़ी केंद्र, खेल मैदान, स्वास्थ्य, कौशल प्रशिक्षण, जल और ऊर्जा संरक्षण जैसे जनकल्याणकारी कार्यों में प्राथमिकता से करने को कहा।

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