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Lucknow : यूपी कैबिनेट बैठक में 30 बड़े प्रस्तावों को मिली मंजूरी , औद्योगिक और रोजगार मिशन समेत कई अहम फैसले

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आयोजित उत्तर प्रदेश कैबिनेट बैठक में  30 महत्वपूर्ण प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई। इन फैसलों के जरिए सरकार ने प्रदेश के औद्योगिक विकास, रोजगार सृजन, परिवहन सुधार और सुरक्षा जैसे क्षेत्रों को मजबूती देने का रोडमैप तैयार किया है।

सबसे बड़ा फैसला औद्योगिक विकास के क्षेत्र में लिया गया, जिसके तहत लखनऊ में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए 49.96 किलोमीटर लंबे लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण को मंजूरी दी गई। इस परियोजना पर लगभग 4776 करोड़ रुपये खर्च होंगे। वहीं बुंदेलखंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (BIDA) एरिया के तहत न्यू इंडस्ट्रियल टाउनशिप योजना प्रस्ताव को भी मंजूरी मिल गई, जिससे बुंदेलखंड के औद्योगिक विकास को नई रफ्तार मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा BIDA को विकसित करने के लिए भूमि अधिग्रहण समेत अन्य प्रक्रियाओं पर भी कैबिनेट ने मुहर लगाई।

औद्योगिक निवेश को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से कंपनियों को सब्सिडी और लेटर ऑफ कंफर्ट जारी करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई। इससे प्रदेश में निवेशकों का भरोसा मजबूत होगा और नई औद्योगिक इकाइयों को आकर्षित किया जा सकेगा।

रोजगार के क्षेत्र में भी कैबिनेट ने बड़ा निर्णय लिया। श्रम और सेवायोजन विभाग के ‘उत्तर प्रदेश रोजगार मिशन’ के गठन के प्रस्ताव को हरी झंडी दी गई, जिसका लक्ष्य आगामी एक वर्ष में प्रदेश के करीब 1 लाख बेरोजगारों को निजी क्षेत्र में तथा 25 से 30 हजार बेरोजगारों को देश और विदेश में सेवायोजित करना है। साथ ही महिला वर्करों के लिए कारखानों में नियमावली में संशोधन का प्रस्ताव भी मंजूर हुआ, जिससे कार्यस्थल पर उनकी स्थिति और अधिक सुदृढ़ हो सकेगी।

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) विभाग के अंतर्गत निगमों द्वारा उत्पादित वस्तुओं के क्रय को अनिवार्य बनाने के लिए प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई, जिसमें 11 प्रकार के उत्पाद निगमों द्वारा अनिवार्य रूप से खरीदे जाएंगे। इसके अलावा, पूर्व सैनिकों और होमगार्ड की सेवाओं को GeM पोर्टल से इतर सीधे लिए जाने के प्रस्ताव को भी कैबिनेट ने स्वीकृति दी, जिससे पूर्व सैनिकों को ज्यादा अवसर मिल सकेंगे।

सुरक्षा के लिहाज से एक अहम कदम उठाते हुए अयोध्या में एनएसजी हब सेंटर निर्माण हेतु प्रस्ताव पारित किया गया, जो भारत सरकार को हस्तांतरित किया जाएगा। इसके साथ ही लखनऊ में जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय केंद्र (JPNIC) सोसायटी को भंग कर लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) को इसके संचालन की जिम्मेदारी देने का प्रस्ताव भी पारित हुआ।

वित्त विभाग ने इंटीग्रेटेड फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी, जिससे सरकारी वित्तीय प्रबंधन अधिक पारदर्शी और कुशल होगा। इसके अलावा, परिवहन कर ढांचे में बदलाव के लिए उत्तर प्रदेश मोटरयान कराधान अधिनियम, 1997 की धारा 4 और 4(9) में संशोधन का भी प्रस्ताव पारित हुआ, जिसमें वन टाइम टैक्स की व्यवस्था शामिल है।

भाषा विभाग से जुड़े फैसले में उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान के कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु 58 से बढ़ाकर 60 वर्ष करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। यह संस्थान भाषा विभाग के नियंत्रण में स्वायत्त रूप से कार्य करता है और फिलहाल इसमें 4 कर्मचारी कार्यरत हैं।

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