महराजगंज जिले के नौतनवा कस्बे में बीते कई दिनों से बारिश न होने के कारण भीषण गर्मी से आम जनता परेशान है। इस गर्मी से राहत पाने के लिए स्थानीय महिलाओं ने एक पुरानी परंपरा को आज भी जीवित रखा है, जिससे वह इंद्रदेव को प्रसन्न कर बारिश करवाने की आशा जताती हैं। इस परंपरा के तहत महिलाओं ने कजरी गीत गाते हुए नौतनवा नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा नेता गुड्डू खान को कीचड़ और पानी से नहलाया।
यह परंपरा पूर्व काल से चली आ रही है, जिसमें यदि बारिश नहीं होती या मौसम सूखा रहता है तो ग्रामीण अपने नगर या गाँव के मुखिया या किसी सम्मानित व्यक्ति को कीचड़ और पानी से नहलाते हैं। ऐसा माना जाता है कि इससे इंद्रदेव प्रसन्न होकर वर्षा करते हैं।
महिलाओं ने गुड्डू खान के हाथ-पैर बांधकर उन्हें जमीन पर गिरा दिया और कीचड़ तथा पानी से नहलाना शुरू कर दिया। इस दौरान अन्य महिलाएं कजरी गीतों कीर्तन करती रहीं और इंद्रदेव को खुश करने के लिए प्रार्थना करती रहीं। यह नजारा स्थानीय लोगों के लिए बेहद मनोरंजक और भावुक था, क्योंकि यह परंपरा उनके लिए वर्षा की उम्मीद और प्रकृति से जुड़ी आस्था का प्रतीक है।
पूर्व चैयरमैन गुड्डू खान ने भी इस परंपरा में खुशी-खुशी भाग लिया और कहा कि यह एक पुराना रीति-रिवाज है जो उनकी जनता की उम्मीद और विश्वास को दर्शाता है। उनका मानना है कि इस तरह की लोकपरंपराएं न केवल सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करती हैं बल्कि समाज में एकता और समरसता को भी बढ़ावा देती हैं। उन्होंने कहा कि जैसे पुराने समय में राजा-महाराजाओं को बारिश के लिए नहलाया जाता था, उसी प्रकार आज भी महिलाएं उन्हें कीचड़ से नहलाकर इंद्रदेव को खुश करने की कोशिश कर रही हैं।
स्थानीय नागरिकों का भी यही विश्वास है कि हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी महिलाओं द्वारा गुड्डू खान को कीचड़ से नहलाने की परंपरा जारी रही है, और इस बार भी जल्द बारिश होगी। ग्रामीण क्षेत्र में यह परंपरा पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है और इसे लेकर लोगों में गहरा विश्वास और उत्साह देखने को मिलता है। यह पहल इस बात का संदेश देती है कि प्राकृतिक आपदाओं और मौसम की कठिनाइयों के बीच भी लोगों में आशा और सांस्कृतिक जुड़ाव बना रहता है।
हालांकि जिले के कई हिस्सों में इस समय बाढ़ की स्थिति बनी हुई है, वहीं महराजगंज जनपद में बारिश का अभाव गर्मी को और अधिक बढ़ा रहा है। इस कठिनाई का सामना करते हुए स्थानीय महिलाएं अपनी परंपराओं के माध्यम से मनोबल बनाए हुए हैं और इंद्रदेव से वर्षा की कामना कर रही हैं।
यह घटना नौतनवा कस्बे की जीवंत संस्कृति और सामुदायिक भावना का एक उज्ज्वल उदाहरण है, जहां परंपराएं आज भी जीवित हैं और स्थानीय लोग अपनी आस्थाओं और लोक रीति-रिवाजों के प्रति समर्पित हैं। इस तरह के आयोजन सामाजिक समरसता, एकता और पारंपरिक ज्ञान के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण हैं। गुड्डू खान की भी भागीदारी ने इस परंपरा को और अधिक प्रभावी और जीवंत बना दिया है।