प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने किसान दिवस के अवसर पर आज राजभवन परिसर में तालाब में सीप अवतरण कर मोती की खेती (पर्ल फार्मिंग) परियोजना का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर उन्होंने प्रदेश के समस्त किसानों को किसान दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि देश की प्रगति किसानों की समृद्धि से जुड़ी है और कृषि क्षेत्र में नवाचार ही किसानों की आय बढ़ाने का सशक्त माध्यम है। राज्यपाल ने परियोजना स्थल पर कृषि-केंद्रित कंपनी मणि एग्रो हब प्राइवेट लिमिटेड, उत्तर प्रदेश के अधिकारियों द्वारा प्रदर्शित मोती के सीप की सर्जरी प्रक्रिया का अवलोकन भी किया।
उन्होंने इसे एक अच्छा एवं उपयोगी प्रोजेक्ट बताते हुए कहा कि इस प्रकार की नवाचार आधारित पहलें किसानों, युवाओं एवं महिलाओं के लिए आजीविका के नए अवसर सृजित करती हैं तथा किसान दिवस के संदेश, किसानों को सशक्त, आत्मनिर्भर और सम्मानित करने को सार्थक रूप देती हैं।
प्रगतिशील किसान जे.पी. पांडेय की सफलता की प्रेरक कहानी
राज्यपाल ने जनपद बलिया के प्रगतिशील किसान जे.पी. पांडेय की सफलता की प्रेरक कहानी साझा करते हुए बताया कि किस प्रकार पांडेय ने गिर नस्ल की गाय का वैज्ञानिक तरीके से पालन किया, दूध, पनीर और घी का उत्पादन किया तथा अपने ही गाँव में बाजार विकसित किया। आज पांडेय न केवल लाखों रुपये की आय अर्जित कर रहे हैं, बल्कि लगभग 200 अन्य किसानों को भी प्रेरित कर आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक किसान जब ठान लेता है कि उसे कुछ करना है, तो वह बड़ी उपलब्धि हासिल करता है।
परिश्रम के साथ-साथ सही सोच और प्रभावी प्रबंधन आवश्यक
राज्यपाल ने कहा कि किसी भी कार्य में सफलता के लिए परिश्रम के साथ-साथ सही सोच और प्रभावी प्रबंधन आवश्यक है। पशुपालन में मौसम के अनुरूप प्रबंधन, विशेषकर ठंड जैसे मौसम में विशेष व्यवस्था करना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक कार्य सामूहिक होता है और उसके लिए सभी संबंधित विभागों का समन्वय जरूरी है। जब सभी संबंधित विभाग के अधिकारी एक साथ बैठकर चर्चा करेंगे और मिलकर सोचेंगे, तभी अपेक्षित परिणाम मिलेगा।
आपसी समन्वय से आत्मीय भाव के साथ कार्य करें
राज्यपाल ने निर्देश दिया कि राजभवन में किया जाने वाला कोई भी कार्य हो, उसमें सभी संबंधित विभाग आपसी समन्वय से आत्मीय भाव के साथ कार्य करें, औपचारिक प्रोटोकॉल से आगे बढ़कर जिम्मेदारी निभाएं। सभी अधिकारी अपने-अपने दायित्वों को अधिनियम (एक्ट) के अनुरूप समझें, नियमित रूप से बैठक करें, योजना बनाकर कार्य करें तथा नवीनतम तकनीक का उपयोग करते हुए कम समय, कम खर्च और बेहतर गुणवत्ता के साथ कार्य सुनिश्चित करें।
अच्छा नवाचार राजभवन में लागू करने का प्रयास
राज्यपाल ने कहा कि जब भी वे भ्रमण के दौरान कहीं कोई अच्छा नवाचार देखती हैं, तो उसे राजभवन में लागू करने का प्रयास करती हैं, जिससे यहाँ कार्यरत लोगों को उसका लाभ मिल सके।
उन्होंने मणि एग्रो हब प्राइवेट लिमिटेड के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) करने के निर्देश भी दिए। साथ ही राज्यपाल ने कहा कि बच्चों के सर्वांगीण विकास एवं लक्ष्य प्राप्ति में माता-पिता का सहयोग, प्रेरणा और मार्गदर्शन अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। उन्होंने निर्देश दिया कि राजभवन में निवासरत सभी मेधावी बच्चों को सम्मानित किया जाए।
इस अवसर पर मणि एग्रो हब के निदेशक आनंद त्रिपाठी ने परियोजना का परिचय देते हुए कहा कि मोती की खेती एक वैज्ञानिक, टिकाऊ एवं लाभकारी कृषि उद्यम है, जो किसानों की आय बढ़ाने के साथ-साथ रोजगार के नए अवसर सृजित करता है। उन्होंने बताया कि मोती एक प्राकृतिक रत्न है, जिसकी देश-विदेश में निरंतर मांग बनी रहती है, जबकि भारत में इसकी मांग की तुलना में उत्पादन बहुत कम है।
मोती की खेती
मोती की खेती के माध्यम से किसान कम संसाधनों में अधिक आय प्राप्त कर सकते हैं। वर्तमान में मीठे पानी में वैज्ञानिक पद्धति से उत्पादित मोती पूर्णतः प्राकृतिक, शुद्ध एवं गुणवत्तापूर्ण होते हैं, जिनमें केवल मानवीय तकनीकी प्रयास का समावेश होता है।
उन्होंने बताया कि मोती की खेती चरणबद्ध प्रक्रिया के अंतर्गत सीपों के संग्रह, सर्जरी (न्यूक्लियस प्रत्यारोपण), तालाब में स्थापना एवं नियमित देख-भाल द्वारा की जाती है। लगभग 2000 वर्ग फीट के तालाब में 10,000 सीपों की खेती से 18 माह की अवधि में औसतन 8.5 लाख रुपये तक की शुद्ध आय संभव है। मणि एग्रोहब प्रा. लि. द्वारा किसानों को तकनीकी प्रशिक्षण, पर्यवेक्षण एवं विपणन की सुविधा अनुबंध के माध्यम से उपलब्ध कराई जाती है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार की मत्स्य सम्पदा योजना के अंतर्गत मोती की खेती पर 50 प्रतिशत तक अनुदान भी उपलब्ध है, जिससे यह परियोजना किसानों के लिए अत्यंत व्यवहारिक और लाभकारी सिद्ध हो रही है।
इस अवसर पर विशेष कार्याधिकारी राज्यपाल (अपर मुख्य सचिव स्तर) डॉ0 सुधीर महादेव बोबडे, विशेष कार्याधिकारी शिक्षा डॉ0 पंकज एल जानी, विशेष कार्याधिकारी राज्यपाल अशोक देसाई, विशेष सचिव प्रकाश गुप्ता, राजभवन के अधिकारी कर्मचारी, मणि एग्रो हब के अधिकारी, राजभवन के अध्यासितगण सहित अन्य महानुभाव उपस्थित रहे।

