कैथोड रे ट्यूब से OLED टीवी तक का सफर

ABHINAV TIWARI

21 नवंबर 1996 से प्रत्येक वर्ष 'विश्व टेलीविजन दिवस' मनाया जाता है। क्योंकि साल 1996 में पहली बार विश्व टेलीविजन फोरम की स्थापना हुई थी जिसकी याद में हर साल 21 नवंबर को विश्व टेलीविजन दिवस मनाया जाता है

1950 के शुरुआती वर्षों में टेलीविजन को 'इडिएट बॉक्स' का खिताब मिला।

1936 में पहली बार लंदन में पब्लिक ब्राडकॉस्ट की शुरुआत हुई। उसके ठीक 23 साल बाद भारत में भी टीवी का आगमन हुआ।

टीवी की शुरुआत कैथोड रे ट्यूब से हुई। 1990 में जब देश में रामायण-महाभारत सीरियल आते थे, तब CRT टीवी का बोलबाला रहा।

दुनिया का पहला सीआरटी ब्लैक एण्ड व्हाइट टीवी 1934 में जर्मनी में बना। इस टेक्नोलॉजी में फास्फोरस कोटेड स्क्रीन का इस्तेमाल किया जाता था।

लाइट फास्फोरस पर पड़ती है और फास्फोरस तस्वीर बनाता है। इससे बनी बड़ी तस्वीरों के लिए बड़ी स्क्रीन की जरूरत होती है।

साल 2000 के बाद प्लाज्मा टीवी का दौर आया, जिसे फ्लैट टीवी कहते हैं। प्लाज्मा टीवी में स्क्रीन बहुत छोटे गैस से बने पिक्सल पॉकेट्स होते हैं।

फिर LCD यानी लिक्विड डिस्प्ले का दौर आया। एलसीडी से एलईडी टीवी में बदलने में ज्यादा समय नहीं लगा और एलईडी के बाद ओएलईडी का जमाना आ गया।

ब्लैक एंड व्हाइट टीवी से रंगीन टीवी की दुनिया में हजारों फीचर्स जुड़ते चले गए। जिसमें टीवी का नेट से जुड़ना, टीवी का एंड्रायड होना आदि शामिल है।

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