Site icon UP की बात

Mahoba : बारिश से जलभराव की समस्या बनी मुसीबत, ग्रामीणों ने किया सड़क जाम

महोबा जिले के पनवाड़ी कस्बे के पाठक पुरा मुहाल में लगातार हो रही बारिश ने स्थानीय लोगों की परेशानियों को कई गुना बढ़ा दिया है। बीते कुछ दिनों से जारी मूसलधार बारिश के चलते पूरे मुहाल में भारी जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। पानी की निकासी न होने से कई घरों में पानी घुस चुका है, जिससे सामान्य जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। न सिर्फ लोग अपने घरों में कैद हो गए हैं बल्कि आवश्यक कामों के लिए बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया है।

स्थानीय निवासियों ने बारिश से उत्पन्न इस संकट के खिलाफ आवाज बुलंद करते हुए बुंदेलखंड किसान यूनियन के बैनर तले एकजुट होकर प्रदर्शन किया और पनवाड़ी की मुख्य सड़क को जाम कर दिया। सड़कों पर खड़े ग्रामीणों की मांग थी कि बारिश के पानी की तत्काल निकासी हो और प्रशासन इस पर कोई ठोस कार्रवाई करे। प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों का आक्रोश साफ तौर पर देखा गया। लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि कई दिनों से जलभराव की समस्या बनी हुई है लेकिन प्रशासन ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की।

सड़क जाम की सूचना मिलते ही पंचायत सचिव निर्देश पटेल और लेखपाल बृजेंद्र पाल मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। ग्रामीणों के गुस्से और समस्या की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए नाली तुड़वाने का निर्णय लिया, जिससे जलनिकासी का रास्ता बन सका। जैसे ही बारिश का पानी बाहर निकला, लोगों ने राहत की सांस ली और किसान यूनियन के पदाधिकारियों ने जाम समाप्त कर दिया।

ग्रामीणों का कहना है कि यह कोई पहली बार नहीं है जब पनवाड़ी मुहाल में बारिश का पानी भर गया हो। हर साल बरसात में यही स्थिति बन जाती है लेकिन कोई स्थायी समाधान अब तक नहीं निकाला गया। उन्होंने मांग की कि प्रशासन को एक स्थायी जलनिकासी प्रणाली बनानी चाहिए ताकि आने वाले समय में ऐसी स्थिति न बने।

इस पूरी घटना ने स्थानीय प्रशासन की तैयारियों और जिम्मेदारी को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि यदि प्रदर्शन न होता तो शायद इस बार भी समस्या यूं ही बनी रहती। बुंदेलखंड किसान यूनियन ने चेतावनी दी है कि यदि भविष्य में भी ऐसी स्थिति बनी और प्रशासन ने कोई ठोस योजना नहीं बनाई तो फिर से बड़े आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी।

यह मामला न सिर्फ जलभराव का है बल्कि जन सुविधाओं के अभाव का भी है, जहां जनता को अपने बुनियादी अधिकारों के लिए प्रदर्शन और सड़क जाम जैसे कदम उठाने पड़ते हैं। यह समय है जब प्रशासन को संवेदनशीलता दिखाते हुए स्थायी समाधान के लिए ठोस योजना बनानी चाहिए।

Exit mobile version